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अब तो हो सकता है साइप्रस का एकीकरण

१३ जनवरी २०१७

दुनिया के सबसे पुराने राजनीतिक विवादों में से एक को खत्म करने के लिए नेताओं ने एक अहम कदम आगे बढ़ा दिया है. यह कदम विभाजित साइप्रस को एक करने का कदम है.

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Karte Zypern NEUSTAND Januar 2017 ENGLISCH

तुर्की, ग्रीस और ब्रिटेन के राजनयिकों की मौजूदगी में दोनों तरफ के साइप्रस के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि एकीकरण के प्रयासों को तेज किया जाएगा.

यह कदम इस लिहाज से भी अहम है कि संयुक्त राष्ट्र के नए महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने अपने पहले ही विदेश दौरे पर जिनेवा में यह ऐतिहासिक मुलाकात आयोजित की थी. मुलाकात के बाद गुटेरेश ने कहा कि समझौता बहुत जल्द हो सकता है लेकिन सब एकदम ठीक हो जाएगा, ऐसी उम्मीद नहीं करनी चाहिए. भूमध्य सागर के पूर्वी द्वीप साइप्रस का विवाद 1974 से चल रहा है. तब ग्रीस के समर्थक नेताओं ने साइप्रस में तख्तापलट की कोशिश की तो तुर्की की सेना ने आक्रमण कर दिया. इसके बाद देश के दो टुकड़े हो गए. तब से यह विवाद लगातार जारी है. गुरुवार को ग्रीस वाले साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनासतासियादेस और तुर्की वाले साइप्रस के नेता मुस्तफा अकिंची के बीच बैठक शुरू हुई. फिलहाल एक ऐसा एकीकृत राष्ट्र बनाने पर बात हो रही है जिसमें दो फेडरेशन होंगी. गुटेरेश ने कहा, "आप चमत्कारिक रूप से फौरी हल की उम्मीद तो नहीं कर सकते. हम ऐसा कोई हल नहीं खोज रहे हैं जो चीजों के एकदम ठीक कर दे. हम एक स्थायी हल की कोशिश कर रहे हैं." स्थायी हल के मकसद से ही गुटेरेश ने कथित गारंटरों यानी ब्रिटेन, तुर्की और ग्रीस को भी बातचीत का हिस्सा बनाया है. 1959 की एक संधि के तहत इन तीनों देशों को साइप्रस की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए दखल देने का अधिकार मिला हुआ है. तुर्की इसी संधि के आधार पर अपने 1974 के आक्रमण को जायज ठहराता है. संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान जारी कर कहा, "बैठक में शामिल पक्षों ने माना कि अब विचार-विमर्श को एक सफल निष्कर्ष तक पहुंचाने का वक्त आ गया है."

Zypern-Konferenz in Genf - Akinci, Anastasiades und Guterres
तस्वीर: Reuters/L. Gillieron

जो विवाद के मुख्य बिंदु हैं उनमें तुर्क सेना की साइप्रस में मौजूदगी भी एक है. आक्रमण के बाद से ही वहां तुर्क सेना मौजूद है. फिलहाल भी साइप्रस के तुर्की वाले हिस्से में 30 हजार सैनिक हैं. ग्रीस चाहता है कि इन सैनिकों को फौरन हटाया जाए. ग्रीस के विदेश मंत्री ने कहा कि गारंटर सिस्टम को फौरन खत्म किया जाना चाहिए और तुर्की के सैनिकों को द्वीप से हटाया जाना चाहिए. अनस्तासियादेस भी चाहते हैं कि तुर्की की सेना हटाई जाए लेकिन अकिंची इस पर अड़े हुए हैं. ब्रिटेन को गारंटर सिस्टम खत्म करने से कोई दिक्कत नहीं है बशर्ते दोनों तरफ के नेता राजी हों. लेकिन तुर्की इस व्यवस्था को बनाए रखना चाहता है. द्वीप पर ब्रिटेन की भी कुछ टुकड़ियां हैं. इसके अलावा दोनों इलाकों के बीच में एक बफर जोन है जहां यूएन के शांति सैनिक तैनात हैं.

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इन असहमतियों को बावजूद अहम समझौते की उम्मीद की जा रही है क्योंकि दोनों पक्षों ने कई अहम मुद्दे पहले ही सुलझा लिए हैं. मसलन, एकीकृत साइप्रस में सरकार का स्वरूप क्या होगा और जमीन की अदला-बदली कैसे होगी. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की स्थितियों को दिखाता नया नक्शा भी बना लिया गया है. इसके अलावा तुर्की वाले साइप्रस के नेता वह जमीन लौटने पर भी सहमत हो गए हैं जिस पर 1974 से उनका कब्जा है.

इसके अलावा नये देश के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी बात हो गई है जैसे कि एकीकृत साइप्रस के यूरोपीय संघ के साथ कैसे रिश्ते होंगे. साइप्रस 2004 से यूरोपीय संघ का हिस्सा है और फिलहाल अनस्तासियादेस की सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता है लेकिन देश के उत्तरी हिस्से पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए उस हिस्से पर यूरोपीय संघ के नियम लागू नहीं होते.

वीके/ओएसजे (एफपी, रॉयटर्स)