तो फिर युद्ध की तैयारी कर ले अमेरिका: चीनी मीडिया
१३ जनवरी २०१७डॉनल्ड ट्रंप ने रेक्स टिलरसन को अपना विदेश मंत्री नियुक्त किया है जिनके पहले ही बयान के बाद चीन और अमेरिका के बीच युद्ध की बात हो गई है. टिलरसन ने कहा कि चीन को तो दक्षिण चीन सागर तक जाने ही नहीं देना चाहिए.
टिलरसन अपनी नियुक्ति की पुष्टि के लिए हो रही सुनवाई के लिए जब अमेरिकी सीनेट की फॉरेन रिलेसंस कमिटी के सामने पेश हुए तो उन्होंने कहा कि वह चीन को यह संकेत भेजना चाहते हैं कि विवादित दक्षिणी चीन सागर तक उन्हें पहुंच की इजाजत नहीं होनी चाहिए. इस पर चीन के प्रभावशाली सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में तीखी टिप्पणी की है. अखबार लिखता है कि ऐसा करने के लिए तो अमेरिका को बड़ी लड़ाई लड़नी होगी.
तस्वीरों में, चीन के पांच सिरदर्द
राष्ट्रवाद से भरे हुए तीखे संपादकीय लिखने के लिए मशहूर ग्लोबल टाइम्स सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र है. लेकिन इसमें लिखी गईं बातों को चीन की नीति नहीं माना जाता. अखबार लिखता है, "टिलरसन अगर एक विशाल परमाणु शक्ति को उसी के अपने इलाके से हटाना चाहता है तो वह फिर अपनी परमाणु रणनीतियों को भी कस ले." अखबार ने तो यहां तक कहा कि टिलरसन को तो मंत्रीपद मिलेगा ही नहीं और उनकी नियुक्ति को कांग्रेस वीटो कर देगी. टिलरसन एक्सॉन मोबिल कॉर्प के चेयरमैन और पूर्व सीईओ हैं और अमेरिका में उनकी नियुक्ति पर विवाद हो रहा है. इसी विवाद को आधार बनाकर ग्लोबल टाइम्स लिखता है, "ऐसा लगता है कि वह (टिलरसन) चीन के प्रति सख्त रवैया अपनाकर अपनी नियुक्ति की पुष्टि की संभावना बढ़ाना चाहते थे." चीनी भाषा की एक अन्य वेबसाइट पर भी ऐसा ही आलेख छपा है जिसमें टिलरसन के बयान पर तीखी टिप्पणिायं की गई हैं.
देखिए, कितनी ताकतवर है चीन की सेना
दक्षिणी चीन सागर पर चीन अपना दावा करता रहा है. यह ऊर्जा स्रोतों से भरपूर इलाका है. हर साल 5 खरब डॉलर का व्यापार इसी रास्ते से होता है. पड़ोसी ब्रुनई, मलेशिया, ताइवान और वियतनाम भी दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर दावा करते हैं. इस साल की शुरुआत में द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने चीन के दावों को खारिज करते हुए दक्षिणी चीन सागर के मामले में फिलीपीन्स के पक्ष में फैसला दिया था जिसे मानने से चीन ने इनकार कर दिया. अमेरिका कहता रहा है कि चीन को द हेग के फैसले का सम्मान करना चाहिए.
ओबामा प्रशासन के समय में भी इस इलाके में अमेरिकी नौसेना और वायु सेना के वाहन आते जाते रहे हैं जिन पर चीन नाराजगी जताता रहा है.
वीके/एके (रॉयटर्स)