एशिया के करीब जाता जर्मनी, मोदी के बाद चीनी पीएम बर्लिन में
१ जून २०१७जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ ली की बातचीत में व्यापार और जलवायु से जुड़े मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो रही है. चीनी प्रधानमंत्री बुधवार की शाम बर्लिन पहुंचे जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका स्वागत किया गया.
गुरुवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय नेताओं से व्यापक बातचीत से पहले चीनी प्रधानमंत्री ने चांसलर अंगेला मैर्केल से बातचीत की. चीनी प्रधानमंत्री ऐसे समय में जर्मनी के दौर पर आये हैं, जब यूरोप और अमेरिका के बीच खाई बढ़ती दिख रही है. पिछले हफ्ते "असंतोषजनक" जी7 शिखर सम्मेलन के बाद मैर्केल ने कहा कि यूरोप को अपना आगे का रास्ता खुद बनाना होगा क्योंकि अब अमेरिका और ब्रिटेन भरोसेमंद सहयोगी नहीं रहे हैं. उनके इस बयान से पूरे यूरोप में एक नई बहस छिड़ गयी है.
जर्मनी के लिए मौजूदा हफ्ता एशिया के साथ संबंध मजबूत करने पर केंद्रित रहा. चीनी प्रधानमंत्री से ठीक पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बर्लिन का दौरा किया और मंगलवार को दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के कई समझौते किये.
ऐसी अटकलें हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौते से पीछे हट सकते हैं. ऐसे में इस मुद्दे पर यूरोपीय संघ को चीन का मजबूत साथ चाहिए. माना जा रहा है कि ब्रसेल्स में होने वाले सम्मेलन में यूरोपीय संघ और चीन पेरिस समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जतायेंगे.
यूरोपीय संघ के जलवायु कमिश्नर मिगेल आरियास कनेते का कहना है कि यूरोपीय संघ और चीन पेरिस समझौते को लागू करने और दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा की तरफ ले जाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
लगभग पांच हफ्ते बाद जर्मनी हैम्बर्ग में जी20 शिखर बैठक की मेजबानी कर रहा है, जिसमें जलवायु परिवर्तन पर मुख्य तौर से फोकस रहने की उम्मीद है. मैर्केल से हुई मुलाकात में ली ने इस शिखर सम्मेलन की तैयारी के साथ साथ आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर भी बात की.
प्रधानमंत्री ली के साथ कई चीनी मंत्री भी बर्लिन आये. यूरोपीय संघ चाहता है कि चीन मुक्त व्यापार का समर्थन करे. पिछले हफ्ते जर्मन विदेश मंत्री जिग्मार गाब्रिएल ने बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात की और वे मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए.
जैसे ही चीनी प्रधानमंत्री बर्लिन पहुंचे, तो जर्मनी के सबसे बड़े कर्जदाता डॉयचे बैंक ने चीन में चाइना डिवेलपमेंट बैंक के साथ मिल कर चीन में 3 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की.
दूसरी तरफ मानवाधिकार संगठनों ने मैर्केल से आग्रह किया वे चीन में मानवाधिकारों को बेहतर बनाने के लिए चीनी प्रधानमंत्री से कहें. एमनेस्टी इंटरनेशनल, इंटरनेशनल कैम्पेन फॉर टाइबेट और मीडिया संस्था रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मानवाधिकारों के व्यवस्थित दमन के लिए जिम्मेदार बताया.
एके/आरपी (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)