ट्रूडो ने किया जी भर कर भारत दर्शन
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे पर खूब लिखा गया. कहीं खालिस्तान का मुद्दा हावी रहा तो कहीं उन्हें भारत में ज्यादा तवज्जो ना मिलने की बात कही गई. लेकिन ट्रूडो और उनके परिवार ने खूब आनंद किया. देखिए तस्वीरें.
नमस्ते इंडिया...
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपनी पत्नी सोफिया और तीनों बच्चों के साथ भारत के दौरे पर पहुंचे. दिल्ली में जब उनका परिवार विमान से बाहर निकला तो इस तरह उन्होंने अपने मेजबानों का अभिवादन किया.
ताज का दीदार
भारत पहुंचने के अगले दिन कनाडा के प्रधानमंत्री आगरा गए जहां उन्होंने मोहब्बत की निशानी के तौर पर मशहूर ताज का दीदार किया. अपने पूरे परिवार के साथ उन्होंने भी इस बेंच पर फोटो खिंचाई, जहां दुनिया के बहुत से नेता पहले बैठ चुके हैं.
साबरमती के संत
कनाडा के प्रधानमंत्री अपने परिवार के साथ साबरमती आश्रम भी पहुंचे. पूरी तरह भारतीय परिधान में दिखाई दिए ट्रूडो और उनके परिवार ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को नमन किया.
बापू की कर्मभूमि
साबरमती के इस आश्रम में गांधी जी ने अपनी जिंदगी के 12 साल गुजारे. यहीं से उनका दांडी मार्च शुरू हुआ था. अब इस आश्रम को एक संग्राहलय का रूप दे दिया गया है. दुनिया की अहम शख्सियतें यहां आती हैं.
बेरुखी
गुजरात के दौरे के तहत कनाडा के प्रधानमंत्री गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर भी गए. हालांकि गुजरात प्रधानमंत्री मोदी का गृह राज्य है और जब वे गुजरात में ट्रूडो के साथ नहीं दिखे तो कई लोगों ने इसे ट्रूडो से उनकी बेरुखी बताया. इससे पहले कई विश्व नेताओं के गुजरात दौरे में वह साथ रहे.
माई नेम इज खान..
ट्रूडो का परिवार मुंबई भी गया और उनकी मुलाकात किंग खान कहे जाने वाले बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान से हुई. शाहरुख खान बॉलीवुड के उन चंद सितारों में शामिल हैं जिनके चाहने वाले दुनिया भर में मौजूद हैं.
वाहेगुरु का खालसा..
कनाडा के प्रधानमंत्री ने अमृतसर के स्वर्णमंदिर में जाकर मत्था टेका और लंगर की सेवा भी की. कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के लगभग 12 लाख लोगों में सिखों की बड़ी तादाद है और ट्रूडो के मंत्रिमंडल में कई सिख भी हैं.
खालिस्तान का साया
ट्रूडो को अपने भारत दौरे में खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरम रवैया अपनाने से जुड़े आरोपों का सामना करना पड़ा. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों से चिंतित हैं. ट्रूडो ने इस बारे में कदम उठाने का वादा किया.
क्रिकेट के मैदान पर
वापस दिल्ली पहुंचने के बाद ट्रूडो एक स्कूल में भी गए और वहां उन्होंने क्रिकेट में भी हाथ आजमाया. कनाडा की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम तो है, लेकिन वहां इस खेल को ज्यादा लोकप्रियता हासिल नहीं है.
मोदी से मुलाकात
और आखिरकार ट्रूडो की मोदी से मुलाकात हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चिर परिचितित अंदाज में कनाडा के प्रधानमंत्री को गले से लगाया. राष्ट्रपति भवन में उनका भव्य स्वागत हुआ. दोनों नेताओं के बीच आंतकवाद, चरमपंथी और आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई.
कैबिनेट में ज्यादा सिख
46 साल के ट्रूडो ने एक बार कहा था कि उनकी कैबिनेट में मोदी की कैबिनेट से ज्यादा सिख हैं. कनाडा में स्थानीय सिख वोटरों को लुभाने के लिए कहा गया उनका यह जुमला भारत यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर छाया रहा.