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तैमूर पर हंगामा, तो क्या मैं भी नाम बदल लूं?

अशोक कुमार
२१ दिसम्बर २०१६

सैफ अली खान और करीना कपूर के बेटे को अंदाजा भी नहीं होगा कि उसके दुनिया आते ही इतना हंगामा होगा. इसकी वजह उसका नाम है: तैमूर. लेकिन खतरा मुझे भी महसूस हो रहा है क्योंकि मेरा नाम अशोक है.

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Bildergalerie Hochzeit Saif Ali Khan und Kareena Kapoor
तस्वीर: dapd

कहां करीना कपूर और सैफ अली खां और कहां मेरे जैसा मैंगो मैन यानी आम आदमी. मेरी तो बस फिल्म के जरिए उनसे जान पहचान है, उनके लिए मुझे जानना कतई जरूरी नहीं है. लेकिन उन्होंने अपने बेटे का तैमूर क्या रखा, मैं भी खुद को सवालों में घिरा पा रहा हूं. अशोक पर भी सवाल उठ रहे हैं. इतिहास को खोदा जा रहा है. और हर कोई उसे अपने नजरिए से पेश करने की कोशिश कर रहा है. कोई अशोक को महान बनाने पर तुला है, तो कोई उसके दौर में खून खराबे का हिसाब किताब बता रहा है.

लपेटे में मुगल बादशाह अकबर भी है. पता नहीं जिनके नाम में अकबर आता है, वे भी क्या मेरे जैसा ही महसूस कर रहे हैं. मेरे एक अजीज ने सोशल मीडिया पर तैमूर नाम को लेकर जारी हंगामे के बीच लिखा कि हत्यारे सम्राट अशोक के बारे में क्या ख्याल है? मैंने मजाक में टिप्पणी की कि इस बारे में मेरा कुछ कहना ठीक नहीं होगा क्योंकि मामला हितों के टकराव का हो सकता है. लेकिन मजाक में कही ये बात मेरे जेहन में रह गई. सदियों पुराने एक सम्राट से मेरे हितों का भला क्या टकराव हो सकता है. लेकिन मेरी पहचान के साथ तो टकराव जरूर है. उस नाम के साथ टकराव जरूर है जो अब तक मेरी पहचान रहा है.

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यह बात हम बचपन से पढ़ते आए हैं कि अशोक ने कलिंग युद्ध में कितना रक्तपात किया था और उसके बाद उसने शांति का रास्ता अपना लिया. लेकिन मैं यहां न तो अशोक के रक्तपात की निंदा करने की कोशिश कर रहा हूं और न ही शांति का रास्ता अपनाने के लिए उसकी तारीफ में कसीदे पढ़ना चाहता हूं. इतिहास के जिस कालखंड में सम्राट अशोक या तैमूर थे, वहां बिना खून खराबे के शासन करना क्या संभव था? दूसरी बात, खून तो खून है, उसे धार्मिक नजरिए नहीं देखा जाना चाहिए.

शायद अशोक इसलिए बहुत से भारतीयों की नजर में महान बना कि उसने युद्ध के बाद शांति का रास्ता चुना. हो सकता है कि मेरे परिवार की तरह अपने बच्चों का नाम अशोक रखने वाले अन्य परिवारों को भी यह कहानी प्रेरित करती हो. जाहिर है ऐसा ही कुछ सैफ अली खान और करीना कपूर को तैमूर में दिखा होगा. या फिर यह भी हो सकता है कि उन्हें तैमूर नाम सुनने में अच्छा लगा हो, मतलब यूनिक लगा हो. आजकल तो बहुत से लोग अपने बच्चों का नाम ऐसे ही रखते हैं. ज्यादा से ज्यादा बस उस नाम का मतलब पता कर लेते हैं. अशोक का मतबल जिस तरह शोक रहित होता है, उसी तरह तैमूर शब्द का मतलब शेर होता है.

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इतिहास अपनी जगह है, लेकिन मेरे लिए सवाल मेरी पहचान से जुड़ा है. अशोक नाम रखने से क्या मैं सम्राट अशोक बन जाऊंगा. आपको क्या पता, हो सकता है कि मैं दाढ़ी बनाते हुए कट लग जाने से भी डरता होऊं. अशोक ने तो कलिंग युद्ध के बाद सारा जीवन बौद्ध धर्म को समर्पित कर दिया था. लेकिन मेरे लिए तो व्यक्तिगत रूप से 21 वीं सदी में धर्म सिर्फ एक राजनीतिक हथियार है. और बहुत संभव है कि करीना और सैफ का बेटा जब बड़ा होगा तो उन्हीं की तरह सिलेब्रिटी बनेगा. आप कहां उसे इतिहास और भूगोल में उलझा रहे हो अभी से.

इससे भी बड़ी बात व्यक्तिगत आजादी की है. लोकतंत्र का यही नियम है कि जब तक मेरी नाक आपके लिए समस्या नहीं है, तब तक आपको उस पर कुछ कहने का हक नहीं है, भले ही मेरी नाक चार मीटर लंबी हो या दस मीटर. वैसे भी करीना कपूर और सैफ अली खान देश के लिए कोई नीति तो बना नहीं रहे हैं जिसका असर व्यापक जनसमुदाय पर होगा और इसीलिए उस पर चर्चा होनी चाहिए. उनके घर का मामला है, अपने बच्चे का नाम चाहे जो रखें. और अगर बड़ा होने पर तैमूर को अपना नाम अच्छा नहीं लगेगा तो वह उसे बदल सकता है. उसे बड़ा होने दीजिए, थोड़ा सब्र करिए.

और हां, मैं इतना बड़ा हो चुका हूं अपने बारे में फैसला ले सकूं. और मेरा फैसला है कि मैं अपना नाम इसलिए नहीं बदलूंगा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर हंगामा कर रहे हैं. हां सोशल मीडिया पर लोगों के चटकारे भरे कमेंट्स का मजा लेता रहूंगा. उसमें हितों का कोई टकराव नहीं है!

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