टॉम हैंक्स की अद्भुत फिल्में
कहते हैं टॉम आमिर खान का सब कुछ टॉम हैंक्स से उधार लिया है. क्या आपने देखा है टॉम हैंक्स का काम? ये फिल्में देखिए...
फॉरेस्ट गम्प, 1994
टॉम हैंक्स 60 साल के हो चुके हैं और पिछले तीन दशकों से फिल्में कर रहे हैं. लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा शायद दौड़ने वाले फॉरेस्ट गम्प के किरदार के लिए ही जाना जाएगा.
स्प्लैश, 1984
फॉरेस्ट गम्प की सफलता से करीब 15 साल पहले टॉम हैंक्स ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा. 1980 में उनकी पहली फिल्म आई लेकिन नोटिस वो हुए 1984 में आई स्प्लैश के साथ.
बिग, 1988
स्प्लैश में जलपरी के साथ रोमैंस करने के बाद उन्हें फिल्म बिग में देखा गया. यह एक ऐसे लड़के की कहानी है जो एक वयस्क पुरुष के शरीर में कैद है. हर बार एक अलग तरह की कहानी चुनना उनकी खासियत है.
स्लीपलेस इन सीएटल, 1993
इस फिल्म ने दिखाया कि टॉम हैंक्स अन्य किसी भी हीरो की तरह रोमैंटिक किरदार भी बखूबी निभा सकते हैं. हालांकि चॉकलेट बॉय वाली इमेज उनकी कभी भी नहीं रही.
फिलाडेल्फिया, 1993
एड्स के मुद्दे पर बनी इस फिल्म के लिए टॉम हैंक्स को पहली बार बेस्ट एक्टर का ऑस्कर पुरस्कार मिला. यह अपनी तरह की पहली फिल्म थी जो एड्स के मुद्दे को संजीदगी से पेश कर रही थी.
सेविंग प्राइवेट रेयान, 1998
इसके अगले साल उन्हें फॉरेस्ट गम्प के लिए भी ऑस्कर मिला और यहां से शुरू हुआ वो सिलसिला जब हर बड़ा निर्देशक उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहता था. 1998 में उन्होंने स्टीवन स्पीलबर्ग के साथ सेविंग प्राइवेट रेयान की.
कास्ट अवे, 2000
किसी भी एक्टर के लिए सबसे चैलेंजिंग किरदार वो होगा, जब पूरी फिल्म में उसके अलावा और कोई भी ना हो. कास्ट अवे एक ऐसे इंसान की कहानी है जो हवाई जहाज के क्रैश होने के कारण एक टापू पर आ पहुंचा है. पूरी फिल्म में आपको टॉम हैंक्स ही देखने को मिलते हैं.
कैच मी इफ यू कैन, 2002
यह टॉम हैंक्स की सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से एक है. लियोनार्डो डी कैप्रियो और टॉम हैंक्स की जोड़ी ने इस चोर पुलिस के खेल को और भी मजेदार बना दिया था.
द टर्मिनल, 2004
एक बार फिर टॉम हैंक्स स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म में नजर आए. इस बार उनका किरदार एक ऐसे व्यक्ति का था जो अमेरिका के जेएफके एयरपोर्ट पर फंसा है. ना उसे अमेरिका में जाने दिया जा रहा है और ना ही वो लौट कर अपने देश जा सकता है.
कैप्टन फिलिप्स, 2013
हालांकि टॉम हैंक्स अब खुद भी फिल्में प्रड्यूस करने लगे हैं लेकिन एक्टिंग को उन्होंने अलविदा नहीं कहा है. 2013 में उन्होंने एक जहाज के कप्तान का किरदार निभाया जिसका अपहरण कर लिया जाता है.
ब्रिज ऑफ स्पाएज, 2015
इस फिल्म की शूटिंग बर्लिन के बाबेल्सबर्ग स्टूडियो में हुई और खुद जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल भी यहां शूटिंग देखने पहुंचीं.
अ हॉलोग्रैम फॉर द किंग, 2016
टॉम हैंक्स की सबसे ताजा फिल्म का नाता भी जर्मनी से है. इस फिल्म का निर्देशन जर्मनी के टॉम टिकवर ने किया है. चार साल पहले हैंक्स इन्हीं की फिल्म क्लाउड एटलस में भी नजर आए थे.