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बेंगलुरु: बड़े पैमाने पर छेड़छाड़, मंत्री ने आग में घी डाला

अशोक कुमार
३ जनवरी २०१७

भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले शहर बेंगलुरु को नए साल के पहले दिन ही भारी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब एक भीड़ ने सरेआम महिलाओं से झेड़छाड़ की. ऊपर से राज्य के गृह मंत्री ने इस पर विवादित बयान दे डाला.

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Indien Bangalore allgemeine Ansichten der Stadt
तस्वीर: Imago/Indiapicture

शहर के एमजी रोड और ब्रिज रोड इलाके में यह घटना तब घटी, जब वहां भारी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात थे. वहां नए साल का स्वागत करने के लिए हजारों लोग जमा थे. लेकिन तभी बड़ी संख्या में पुरुषों ने महिलाओं पर फब्तियां कसीं और शारीरिक छेड़छाड़ शुरू कर दी. घटनास्थल से मिलने वाली तस्वीरों में कई महिलाएं रोती हुई दिख रही हैं. कुछ लोगों ने मनचलों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने उनके साथ भी मार पिटाई की.

जहां इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई जा रही है, वहीं लोग राज्य के गृह मंत्री के बयान से भी खफा हैं. टीवी चैनल टाइम्स नाऊ के साथ बातचीत में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वरा ने कहा, "ऐसी बातें होती रहती हैं." उन्होंने पीड़ित महिलाओं पर ही सवाल उठाते हुए कहा, "ये लोग पश्चिम की नकल कर रहे हैं." गृह मंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा में पुलिस की नाकामी पर माफी मांगने से इनकार कर दिया.

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उधर, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट किया, "मैं कर्नाटक के गृह मंत्री की तरफ से दिए गए गैर जिम्मेदाराना बयान की निंदा करता हूं. हम इतने बड़े पैमाने पर होने वाली छेड़छाड़ के दोषियों को सजा दिए बिना नहीं छोड़ सकते. बेंगलुरु एक जिंदादिल शहर हैं और किसी भी सभ्य समाज में महिलाओं को सुरक्षा दी जानी चाहिए."

'बेंगलुरु मिरर' अखबार का कहना है कि घटनास्थल पर हजारों लोग मौजूद थे. जब छेड़छाड़ की यह घटना हुई तो इलाके में लगभग डेढ़ हजार पुलिसवाले भी तैनात थे. हालांकि शुरू में पुलिस ने कहा कि उन्होंने सभी एहतियाती कदम उठाए हैं, लेकिन लगता है कि वे अंदाजा नहीं लगा पाए कि भीड़ किस तरह व्यवहार करेगी.

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परमेश्वरा ने कहा कि पुलिस उस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की पड़ताल करेगी. बेंगलुरु में गुंडागर्दी की ऐसी घटना पहले भी कई बार हो चुकी हैं. जब भी महिलाएं किसी जश्न या त्योहार के मौके पर बाहर निकलती हैं तो उनके साथ अक्सर छेड़छाड़ के मामले सामने आते हैं. भारत में 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के बाद महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए कई पहल की गई हैं, लेकिन आए दिन छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाएं बताती हैं कि भारत को अभी लंबा रास्ता तय करना है.