अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार खगोलशास्त्रियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने धरती के आकार के सात ग्रह खोजे हैं. इनमें से तीन पर जिंदगी संभव है.
वैज्ञानिकों ने पहली बार 10,000 किलोमीटर लंबी गुरुत्व तरंगों को कैमरे में कैद किया है. शुक्र ग्रह को अपनी आगोश में लेने वाली इन तरंगों को 359 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार वाला तूफान भी कुछ न कर सका. (18.01.2017)
वैज्ञानिकों ने ऐसे तीन नए ग्रहों की खोज का दावा किया है जहां मानव जीवन संभव है. लेकिन क्या वाकई हम वहां जी सकते हैं? (10.05.2016)
एक ब्रिटिश-डच कंपनी मंगल पर इंसान को बसाने की कोशिशों में जुटी थी. उसकी योजनाओं को बड़ा धक्का पहुंचा है. कंपनी ने कहा कि उसकी परियोजना में कई साल की देरी होगी. (09.12.2016)
मंगल ग्रह पर गहराई में ग्लेशियर देखे गए हैं. इनसे वैज्ञानिकों को इस बात का अंदाजा लगाने में सहूलियत होगी कि लाल ग्रह पर कितना पानी हो सकता है.
पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद सौर मंडल तो मिल चुका है. लेकिन क्या वहां तक पहुंचना और वहां जीना मुमकिन होगा?
चीन का बेकार हो चुका अंतरिक्ष स्टेशन तियांगॉन्ग-1 आखिरकार धरती पर गिरा. दक्षिण प्रशांत के ऊपर तियांगॉन्ग-1 कई टुकड़ों में बंट गया. चीन के वैज्ञानिकों को आखिरी पलों तक यह पता नहीं चला कि स्पेस स्टेशन कहां गिरेगा.