इसलिए एएफडी पार्टी से डर रहे हैं जर्मन
जर्मनी में धुर दक्षिणपंथी एएफडी (अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी) का उभार कई लोगों के लिए चिंता का कारण है. पार्टी नेताओं के शरणार्थी विरोधी बयान सुर्खियों में रहते हैं. एक नजर इन्हीं विवादित बयानों और पार्टी के अहम नेताओं पर:
फ्राउके पेट्री
फ्राउके पेट्री एएफडी की सह-अध्यक्ष हैं. उन्होंने बयान दिया था कि जर्मनी में गैर कानूनी तरीके से घुसने वाले शरणार्थियों को जर्मन पुलिस बॉर्डर पर ही गोली मार दे. 41 वर्षीय पेट्री ने 2016 में एक अखबार के साथ बातचीत में यह बात कही थी.
ब्योर्न होके
जर्मन प्रांत थुरिंगिया में एएफडी पार्टी के प्रमुख ने बर्लिन के यहूदी नरसंहार स्मारक को "शर्म का स्मारक" बताया था. उन्होंने यह भी कहा कि जर्मनी को अपने नाजी अतीत पर प्रायश्चित करना और उसके लिए हर्जाना देना बंद कर देना चाहिए.
अलेक्जांडर गाउलैंड
पार्टी के डिप्टी चेयरमैन अलेक्जांडर गाउलैंड ने कहा था कि जर्मन फुटबॉल टीम के डिफेंडर जेरोम बोआटेंग मैदान पर बढ़िया खेलते हैं, लेकिन लोग नहीं चाहेंगे कि बोआटेंग जैसा कोई व्यक्ति उनका पड़ोसी बने. शरणार्थियों के लिए दरवाजे बंद करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि हमें बच्चों की आंखों से ब्लैकमेल नहीं होना है.
बेआट्रिक्स फॉन स्टोर्च
यूरोपीय संसद की सदस्य स्टोर्च ने कहा कि "जो सीमा पर स्टॉप को स्वीकार नहीं करेंगे, वे हमलावर हैं और हमें हमलावरों के खिलाफ खुद की रक्षा करनी है." शुरू में एएफडी की मुहिम यूरो और बेलआउट पैकेज के खिलाफ थी लेकिन जल्द ही उसने आप्रवासी विरोध की नीति अपना ली.
मार्कुस प्रेत्सेल
मार्कुस प्रेत्सेल जर्मनी के सबसे बड़े राज्य नॉर्थ राइन वेस्टफालिया के चेयरमैन हैं. उन्होंने बर्लिन के क्रिसमस बाजार में हुए हमले के बाद लिखा था, "ये मैर्केल के मारे लोग हैं." इस हमले में 12 लोग मारे गए थे. प्रेत्सेल फ्राउके पेट्री के पति हैं.
आंद्रे वेंट
वेंट जर्मनी के पूर्वी राज्य सेक्सनी में प्रांतीय विधानसभा के सदस्य हैं. उन्होंने अपने इस सवाल से सुर्खी बटोरी कि जर्मनी में अकेले दम पर आने वाले नाबालिगों की नसबंदी पर सरकार ने कितना खर्च उठाया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जुलाई तक ऐसे 52 हजार लोगों ने जर्मनी में शरण मांगी है. इनमें ज्यादातर पुरूष हैं.
आंद्रे पोगेनबुर्ग
सेक्सनी अनहाल्ट प्रांत में एएफडी के प्रमुख पोगेनबुर्ग ने अपने एक अतिवादी बयान से सबको हैरान कर दिया. फरवरी 2017 में उन्होंने प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों से मिलकर धुर वामपंथ को हमेशा के लिए खत्म कर देने की बात कही.