मलेशिया में 92 साल का प्रधानमंत्री होगा
दुनिया भर में जहां युवा नेतृत्व को आगे लाने की बात होती है, वहीं मलेशिया में पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद 92 साल की उम्र में फिर सत्ता के शिखर पर पहुंच गए हैं. वो दुनिया के सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री होंगे.
चुनाव में जीत
महाथीर मोहम्मद दो दशक से भी ज्यादा समय तक मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे. अब 92 साल की उम्र में वह फिर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.
बदले समीकरण
दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने जिस विपक्ष को कुचला था, उसी को साथ लेकर वह इस बार चुनाव लड़े और जीत हासिल की है.
22 साल किया राज
महाथीर मोहम्मद 16 जुलाई 1981 से 31 अक्टूबर 2003 तक मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे. 22 साल लंबे शासन में उन पर अपने विरोधियों को प्रताड़ित करने और कुचलने के खूब आरोप लगे.
तानाशाह महाथीर
कभी उनकी गिनती दुनिया के तानाशाह शासकों में होती थी. उन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के कई गंभीर आरोप लगे. उन्होंने 1987 में सुरक्षा कारणों के आधार पर विपक्षी सदस्यों को बिना मुकदमे जेल में डाल दिया.
अप्रत्याशित जीत
मलेशिया के चुनाव में महाथिर मोहम्मद की जीत अप्रत्याशित है. उनके शासन को लेकर लोग आशंकाएं जता रहे हैं. हालांकि बहुत से लोगों का कहना है कि अगर वो अपने वादे के मुताबिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाते हैं तो हालात बेहतर हो सकते हैं.
विपक्ष की जीत
विपक्षी गठबंधन को उम्मीद थी कि महाथीर मोहम्मद के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से मलय मुसलानों से बीच उसकी पकड़ मजबूत होगी, जिसकी हिस्सेदारी देश की आबादी में 60 फीसदी है. बाकी 40 फीसदी चीनी और भारतीय मूल के लोग हैं.
मुश्किल डगर
महाथिर मोहम्मद ने कहा है कि सरकार जल्द ही उस टैक्स को खत्म करेगी जिसने आम लोगों को मुश्किल में डाल दिया. उनकी आर्थिक नीतियों को लेकर विशेषज्ञ चिंता में हैं. उन्होंने अपने पहले 100 दिन के कार्यकाल में भी व्यापक सुधारों को लागू करने का वादा किया है.
चीन का चक्कर
महाथिर मोहम्मद ने कहा है कि चीन के सहयोग से चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि चीनी निवेश का स्वागत है लेकिन सिर्फ तब जब उससे रोजगार पैदा हो और मलेशिया में तकनीक और पूंजी आए.