9/11 के मुआवजे में करोड़ों का घोटाला
८ जनवरी २०१४अमेरिका के लोग इन्हें अपना हीरो मानते रहे हैं क्योंकि 9/11 हमलों के दौरान इन्होंने ही आम लोगों की मदद की और उन्हें सही सलामत बाहर निकाला. लेकिन बाद में उन्होंने इस बात का बहाना किया कि हादसे को देखने के बाद उन पर मानसिक रूप से इतना बुरा असर पड़ा कि वे काम करने लायक नहीं रहे. इसी के चलते उन्हें घर बैठे सरकारी भत्ता मिलता रहा और इलाज के लिए मुआवजा भी. लेकिन अदालत में पेश किए गए दस्तावेज बताते हैं कि ये लोग साधारण जीवन जीते आए हैं और इन्हें खास तकलीफ नहीं है. यहां तक कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें हेलिकॉप्टर उड़ाते, जेट स्की का मजा लेते या फिर लास वेगास में कसीनो में सट्टेबाजी करते देखा गया. इनमें से अधिकतर लोगों के बारे में सोशल नेट्वर्किंग वेबसाइटों के जरिए पता लगा.
एक आरोपी हर साल 30 से 50 हजार डॉलर के बीच सरकारी मदद ले रहा था. उसका दावा था कि उसे इस तरह की चोटें आई हैं जिनके कारण वह चल फिर भी नहीं सकता. लेकिन इसी व्यक्ति ने मार्शल आर्ट का कोचिंग सेंटर खोला जहां वह खुद भी ट्रेनिंग देता है.
अवसाद का बहाना
आरोपियों में से 80 रिटायर हो चुके हैं और पेंशन के साथ अलग सरकारी मदद भी ले रहे हैं. चार मुख्य आरोपी रिमांड लेवेले, थॉमस हेल, जोसेफ एस्पोसिटो और जॉन मिनेरवा पर आरोप है कि उन्होंने योजना के तहत सैकड़ों गलत आवेदन जमा किए. यहां तक कि उन्होंने लोगों को सिखाया कि डॉक्टर के पास जा कर क्या कहना है ताकि बीमारी का प्रमाण पत्र मिल सके. अधिकतर आवेदनों में लिखा गया कि वे पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस (पीटीएसडी) और अवसाद यानि डिप्रेशन के शिकार हैं. अदालत में पेश की गयी रिपोर्टें बताती हैं कि लगभग हर आवेदन पर लिखा गया है, "मैं दिन भर सोता रहता हूं, बार बार नींद टूटती है. मुझे डर लगता है, इसलिए मैं हमेशा टीवी ऑन रखता हूं."
मैनहैटन के सरकारी वकील साइरस वैंस ने इस बारे में कहा, "पहले से ही पीटीएसडी और डिप्रेशन के असली मामलों को संभालना मुश्किल हो रहा था और इस घोटाले ने संसाधनों को और कम कर दिया." अमेरिका के सामाजिक सुरक्षा अधिकारी एडवर्ड रायन का कहना है, "यह धोखाधड़ी का मामला दिखाता है कि किस तरह से सोच समझ कर और योजना के तहत बीमा की राशि को निशाना बनाया गया है." उन्होंने कहा कि इन लोगों ने झूठ और रिश्वत का सहारा ले कर सरकार को लाखों डॉलर का नुकसान पहुंचाया है और 9/11 जैसे दुखद हादसे का मजाक उड़ाते हुए लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, "ये लोग सरकारी मुलाजिम रहे हैं, यह इनके अपराध को और भी संजीदा बना देता है."
9/11 के हमलों में न्यूयॉर्क में 2,700 लोगों की जान गई. पिछले एक दशक से अधिकारियों को मुआवजा दिया जा रहा है. लोगों में इस मामले को लेकर गुस्सा है क्योंकि सरकारी खर्च उनके दिए टैक्स से ही दिया जाता है.
आईबी/एमजे (एफएफपी/रॉयटर्स)