85 के हुए शॉन कॉनरी
वे पहले जेम्स बॉन्ड थे और दुनिया भर की महिलाओं की धड़कन. बाद में वे लोकप्रिय चरित्र अभिनेता बन गए. महारानी ने उन्हें सर की उपाधि से सम्मानित भी किया. शॉन कॉनरी ने 2003 में फिल्मों की सुनहरी दुनिया को विदा कह दिया.
बाथ टब के खिलाड़ी
शॉन कॉनरी ऐसे अभिनेता हैं जो अपने को हर परिस्थिति में ढाल लेते हैं, नंगे बदन के साथ भी. तब सिक्स पैक दिखाना उतना लोकप्रिय नहीं हुआ था. यहां शॉन कॉनरी जेम्स बॉन्ड फिल्म डायमंड फीवर में बाथ टब में नहा रहे हैं.
रंग रसिया
अपने लंबे करियर में शॉन कॉनरी ने बहुत तरह के रोल किए. बॉन्ड फिल्मों में बॉन्ड गर्ल्स के साथ उनकी नोकझोंक खासी चर्चित है. फिल्मों के बाहर भी वे अपने इस चरित्र को जीते थे. यहां 1987 में फ्रेंच अभिनेत्री जेन मोरो के साथ. व्यक्तिगत रूप से वे पिछले 40 साल से मिशेलिन के साथ विवाहित हैं.
शुरुआती रोल
ब्रिटिश एजेंट 007 की भूमिका में दुनिया भर में लोकप्रिय होने से पहले शॉन कॉनरी ने कुछ साल छोटे मोटे रोल करने में लगाए. पहली बड़ी कामयाबी उन्हें 1958 में अमेरिकी फिल्म "अनदर टाइम अनदर प्लेस" से मिली जिसमें उनके साथ मुख्य भूमिका में लाना टर्नर थीं.
स्टार की पैदाइश
जेम्स बॉन्ड की पहली फिल्म 1962 में रिलीज हुई और उसने कामयाबी के नए मानदंड कायम किए. इस फिल्म डॉ. नो में जर्मनी की उर्सुला आंद्रेस बॉन्ड गर्ल बनी थीं. स्कॉटलैंड के शॉन कॉनरी ने इस फिल्म में उर्सुला आंद्रेस का ही नहीं लाखों फिल्म दर्शकों का भी दिल जीत लिया.
हिचकॉक का साथ
शुरू से ही शॉन कॉनरी ने जेम्स बॉन्ड की सफल फिल्मों के बाहर भी भूमिकाएं करने की कोशिश की. प्रसिद्ध फिल्मकार अल्फ्रेड हिचकॉक की 1964 की फिल्म में उन्होंने एक नम्र लेकिन सख्त जेंटलमैन की भूमिका की. मार्नी फिल्म में उन्होंने टिपी हेडरेन को चोरी की लत छुड़ाने में मदद दी.
बॉक्स ऑफिस पर धूम
शुरू में शॉन कॉनरी जेम्स बॉन्ड वाली फिल्मों से बंधे रहे. इसलिए भी कि वे हर फिल्म के साथ कामयाबी का नया शिखर छूना चाहते थे. तीसरी फिल्म गोल्डफिंगर ने निर्माताओं की उम्मीदों के बांध तोड़ दिए. गोल्डफिंगर ने बॉक्स ऑफिस पर 12.5 करोड़ डॉलर का कारोबार किया.
शॉन की शान
शॉन कॉनरी ने 70 के दशक में जेम्स बॉन्ड के शिकंजे से बाहर निकलने की कोशिश शुरू कर दी. उन्होंने 1975 में जॉन हडसन की फिल्म "द मैन हू वुड बी किंग" की. निजी तौर पर वे ब्रिटिश राजघराने के आलोचक हैं और अपने पैदाइशी इलाके स्कॉटलैंड की आजादी के समर्थक हैं.
गुलाब का नाम
इटली के लेखक उमबैर्तो एको के इस नाम के उपन्यास पर बनी फिल्म के साथ शॉन कॉनरी ने सफलता की नई छलांग लगाई. ईसाई मठ में हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने वाली 1986 में रिलीज हुई यह फिल्म जर्मनी के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बैर्न्ड आइषिंगर ने बनाई थी.
और फिर ऑस्कर
शॉन कॉनरी को 1987 में माफिया फिल्म द अनटचेबल्स में जिम मेलोन की उनकी भूमिका के लिए सर्वोत्तम सह अभिनेता का ऑस्कर पुरस्कार मिला. ब्रायन दे पाल्मा की इस फिल्म के लिए मिला ऑस्कर उनके लंबे फिल्म करियर का एकमात्र ऑस्कर पुरस्कार रहा.
फिल्मों से विदाई
शॉन कॉनरी के लिए 2003 बड़े पर्दे से विदाई का साल रहा. उन्होंने अपनी अंतिम भूमिका द लीग ऑफ एक्स्ट्राऑर्डिनरी जेंटलमैन फिल्म में निभाई. उसके बाद उन्होंने फिल्मों में सिर्फ अपनी उम्दा आवाज दी और पूरा ध्यान अपनी निजी जिंदगी पर लगाना शुरू किया.
बाय बाय कोनरी
पिछले सालों में शॉन कॉनरी के बारे में कम ही सुना गया है. वे शायद ही किसी समारोह में भाग लेते हैं. वे अपनी जिंदगी अपनी पत्नी के साथ यूरोप और कैरिबिक के अपने घरों में शांति में बिता रहे हैं. 85वें जन्म दिन के मौके पर भी कोई धू धड़ाका नहीं हुआ.