26 जनवरी: मोटा हुआ दिल्ली का कवच
२६ जनवरी २०११बुधवार को गणतंत्र दिवस से पहली रात हजारों सुरक्षा बलों ने चप्पे चप्पे पर पहरा दिया. यही नहीं, आसमान पर भी मानव रहित विमानों और हेलीकॉप्टरों की नजर लगातार बनी रही.
राजपथ पर लाल किले तक के आठ किलोमीटर लंबे परेड मार्ग पर सेना के सैकड़ों जवान और निशानेबाज तैनात रहे. सैकड़ों दूरबीनों की मदद से सुरक्षाकर्मी हर जगह को स्कैन कर रहे थे.
दिल्ली में हुई गणतंत्र दिवस परेड समारोहों के दौरान किसी तरह की अनहोनी रोकने के लिए लगभग 35 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए. इनमें से 15 हजार जवान अर्धसैनिक बलों के हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवान भी तैनात रहे.
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टरों के अलावा इस साल एयर फोर्स के मानवरहित विमान भी तैनात किए गए जिन्होंने परेड रूट पर ही नहीं बल्कि दिल्ली के बाकी हिस्सों की भी निगरानी की.
किसी अनहोनी की हालत से निपटने के लिए मोबाइल हिट टीम, एंटी एयरक्राफ्ट गन और एनएसजी के शार्प शूटर्स एकदम मुस्तैद रहे. दिल्ली की जितनी भी ऊंची बिल्डिंग हैं, उन सभी की छतों पर निशानेबाज तैयार बैठे थे. राजपथ और लाल किले के बीच लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बंदोबस्त का ज्यादा जोर तोड़फोड़ की किसी भी तरह की कार्रवाई से निपटने और खुफिया जानकारियों की अदलाबदली पर रहा. परेड के पूरे रूट को आतंकवादी हमलों से बचाने के लिए सुरक्षा कर्मियों से पाट दिया गया था.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन