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2050 तक सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनेगा भारत

१३ जुलाई २०१०

भारत 2050 में दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा. जनसंख्या विस्फोट के मामले में भारत चीन को पीछे छोड़ देगा. बीते सौ साल में भारत की जनसंख्या पांच गुना बढ़ी है. 2026 के बाद मुश्किलों का नया दौर शुरू हो जाएगा.

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तस्वीर: AP

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के राज्यों में तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है. 2009 में भारत की आबादी 119 करोड़ 80 लाख दर्ज की गई. लेकिन जनसंख्या वृद्धि की दर को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 2026 तक देश की आबादी में 37 करोड़ 10 लाख लोग और जुड़ जाएंगे. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर जनसंख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो 2050 तक दोगुनी हो जाएगी. उस स्थिति में देश की कई व्यवस्थाएं ध्वस्त हो सकती है. पेयजल, भोजन, स्वास्थ्य, साफ सफाई, नौकरी और परिवहन तंत्र के लिए मारामारी होने लगेगी.

Straßenverkehr Chaos in Indien
तस्वीर: AP

इस वक्त चीन दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. चीन की जनसंख्या 134 करोड़ 50 लाख है. भारत की आबादी करीब 120 करोड़ है. लेकिन 2050 तक भारत की जनसंख्या 161 करोड़ के पार हो जाएगी, जबकि चीन करीब 142 करोड़ पर ठहर सा जाएगा. पाकिस्तान को भी लोगों की भीड़ परेशान करेगी. भारतीय उपमहाद्वीप पाकिस्तान की जनसंख्या सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रही है.

अन्य देशों पर भारी भारतीय प्रदेश:

भारत सरकार की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े हैं. अकेले उत्तर प्रदेश की आबादी (18 करोड़ 30 लाख) ही ब्राजील की आबादी के करीब करीब बराबर ही है. महाराष्ट्र की आबादी (10 करोड़ 40 लाख) मेक्सिको के बराबर है. बिहार की आबादी नौ करोड़ है, जो जर्मनी जैसे देश की कुल जनसंख्या (8 करोड़ तीस लाख) से ज्यादा है. यूपी की आबादी 22 फीसदी, दक्षिण भारतीय राज्यों की आबादी 13 प्रतिशत और बिहार की आबादी आठ प्रतिशत प्रति वर्ष की विस्फोटक दर से बढ़ रही है.

Elephantenstatuen in Uttar Pradesh
यूपी आबादी बढ़ाने में अव्वलतस्वीर: AP

भारत में बीते पांच साल में जनसंख्या वृद्धि की दर 1.4 फीसदी रही है. यानी हर साल जनसंख्या में करीब एक करोड़ 70 लाख लोग जुड़ रहे हैं. इस रफ्तार से बढ़ती जनसंख्या के लिए संसाधन जुटाना कभी न खत्म होने वाली मुश्किल की तरह है. भारत सरकार को कुछ राहत पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरांखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से मिल रही है. पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तराखंड में जनसंख्या एक फीसदी की दर से बढ़ रही है. इसकी एक वजह इन राज्यों में रोजगार का अभाव भी है. जनसंख्या स्थिर करने के मामले में पूर्वोत्तर राज्य, छत्तीसगढ़ और झारखंड अन्य राज्यों से काफी आगे हैं.

अपार आबादी के बुरे परिणाम और कारण:

सरकार के मुताबिक बच्चों की अकाल मृत्यु दर ज्यादा होने की वजह से भी जनसंख्या बढ़ रही है क्योंकि उनकी अकाल मौत के डर की वजह से लोग बच्चे ज्यादा पैदा करते हैं. कम उम्र में शादी और जल्द गर्भधारण के मामले भी जनसंख्या की आग में घी का काम कर रहे हैं. इसके अलावा लड़के की चाहत और लड़का पैदा न होने तक लगातार बच्चे पैदा करने जैसे मामले भी भारत में आम हैं. बढ़ती आबादी के साथ देश के कई राज्यों में लिंग अनुपात बुरी तरह गड़बड़ाया हुआ है.

इस रिपोर्ट ने भारत के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. देश के कई राज्यों में बिजली और पानी का संकट अब आम बात की तरह है. ऐसे में बढ़ती जनसंख्या इन मुश्किलों को काबू से बाहर कर सकती हैं. जरा सोचिए कि भारत में अब भी बसों, ट्रेनों, स्कूलों और अस्पतालों में कितनी भीड़ रहती है, 2050 की अनुमानित जनसंख्या के लिए यह सारी सुविधाएं दोगुनी करनी होंगी. सड़कें गाड़ियों से भर जाएगी, पर्यावरण तंत्र और तेजी से ढहने लगेगा. अपार आबादी को रोटी, कपड़ा, मकान और नौकरी भी चाहिए होगी.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़