2014 में जर्मनी की चुनौतियां
चांसलर अंगेला मैर्केल की नई सरकार का गठन हो चुका है. सरकार के सामने इस साल कई चुनौतियां हैं. जानिए कैसा होगा जर्मनी के लिए 2014.
ऊर्जा की समस्या
जर्मनी ने परमाणु ऊर्जा को अलविदा कहने का फैसला लिया है. ऊर्जा मंत्री और उपचांसलर जिगमार गाब्रिएल के सामने वैकल्पिक ऊर्जा का ढाचा बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी. इसके लिए उन्हें इस साल सैकड़ों किलोमीटर की बिजली की लाइनें बनवानी होंगी.
यूरो संकट
हालांकि पिछ्ला साल यूरो जोन के लिए बहुत बुरा नहीं रहा, लेकिन इस साल भी जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल यूरो संकट के साथ जूझती नजर आएंगी. दुनिया भर का ध्यान इस बात पर बना रहेगा कि इस साल किस देश को राहत पैकेज की जरूरत पड़ती है और किसके हालात सुधरते हैं.
अफगानिस्तान से वापसी
करीब 12 साल बाद नाटो की सेनाएं अफगानिस्तान से लौट रही हैं. इनमें एक बड़ा हिस्सा जर्मनी का भी है. लेकिन जर्मन सरकार को इस बात की चिंता है कि अफगानिस्तान में सैनिकों को अब भी पूरी तरह प्रशिक्षण नहीं मिला है और देश अस्थिर हालत में है.
न्यूनतम वेतन
जर्मनी में चुनाव के बाद दो महीने से भी लंबे समय तक गठबंधन वार्ता चलती रही. इसमें न्यूनतम वेतन एक अहम मुद्दा रहा. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी चाहती है कि देश भर में प्रति घंटा न्यूनतम वेतन 8.50 यूरो हो. हालांकि यह 2015 से ही लागू हो पाएगा, लेकिन यह साल परीक्षा जैसा रहेगा.
दोहरी नागरिकता
एसपीडी यह भी चाहती थी कि जर्मन नागरिकता लेने वाले सभी आप्रवासियों को अपनी मूल नागरिकता रखने की छूट हो. लेकिन मैर्केल की सीडीयू और सहयोगी पार्टी सीएसयू इसके खिलाफ थीं. अब यह तय हुआ है कि जर्मनी में पैदा होने वाले आप्रवासी बच्चों को यह अनुमति दी जाएगी.
नवनाजी एनएसयू हत्याकांड
2013 में एनएसयू का नवनाजी हत्याकांड सुर्खियों में बना रहा. म्यूनिख की अदालत में 71 दिन तक चली सुनवाई के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. मुख्य अभियुक्त बेआटे चेपे पर 11 हत्याओं का आरोप है. इस साल भी यह मामला सुर्खियां बटोरेगा.
पूर्व राष्ट्रपति पर मुकदमा
जर्मनी के इतिहास में पहली बार किसी राष्ट्रपति पर मुकदमा चला है. क्रिस्टियान वुल्फ पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिसकी वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. अदालत में हुई सुनवाई और गवाहों के बयान से ऐसा लग रहा है कि इस साल उन्हें आरोपों से बरी कर दिया जाएगा.
बर्लिन का हवाई अड्डा
2006 से इसका निर्माण चल रहा है. 2013 में इसे खोलने की योजना थी जो पूरी नहीं हुई. इसकी कड़ी आलोचना भी हुई. उम्मीद की जा रही है कि इस साल बर्लिन के नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का एक हिस्सा तो शुरू हो ही जाएगा.
पेंशन की दिक्कत
देश में पेंशन पाने वालों की संख्या बढ़ रही है और टैक्स देने वाले कामकाजी लोग घट रहे हैं. इसके बावजूद सरकार को महिलाओं के लिए पेंशन बढ़ानी है और सेवा निवृत्ति की उम्र 67 से घटा कर 63 करनी है, जो एक बड़ी चुनौती है.