2014 के जीव जंतु
जर्मनी की पर्यावरण संरक्षण संस्था नाबू हर साल ऐसे जीव जंतुओं की सूची जारी करती है, जो विलुप्त हो चुके हैं या इसका खतरा है. जानिए कि किन पशु पक्षियों को मिला इस साल का अवॉर्ड.
इस साल का पंछी है..
यूरोप का हरे रंग का कठफोड़वा. अपनी चोंच से लकड़ी को काटने वाला यह पक्षी ऐसे पुराने पेड़ों में अपना घोंसला बनाता है जो मर चुके हैं. हालांकि यह अभी विलुप्त नहीं हुआ है. इसे सूची में रखने का मकसद है इसकी कम होती संख्या की ओर लोगों का ध्यान खींचना.
इस साल का जंगली जानवर है..
विजेंट. इस जंगली भैंसे को यूरोपीय बाइसन के नाम से भी जाना जाता है. 1927 में ही ये विलुप्त हो गए थे क्योंकि इनका बहुत ज्यादा शिकार किया जाता था. लेकिन वैज्ञानिक एक बार फिर से इन्हें पैदा करने में कामयाब हुए हैं. 2013 में आठ जंगली भैंसों को जर्मनी के जंगलों में छोड़ा गया.
इस साल का उभयचर है..
पीले पेट वाला मेंढक. अपने सलेटी रंग के कारण यह मेंढक पत्थरों के बीच छिप जाता है और जैसे ही इसे खतरा महसूस होता है, यह अपने शत्रु को उठ कर पीला पेट दिखा देता है. इन जहरीले मेंढकों के विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि जिन तालाबों में ये रहना पसंद करते हैं वे गायब होते जा रहे हैं.
इस साल की मछली है..
स्टर्जन. बड़े पैमाने पर होने वाले शिकार और प्रदूषण के कारण यह मछली ज्यादातर इलाकों से गायब हो गयी है. इसकी एक खास किस्म हूसो तो पांच मीटर तक बड़ी होती है और इसके अंडों को भी खाया जाता है. यह मछली सौ साल से ज्यादा जीवित रह सकती है.
इस साल का कीड़ा है..
फासिया ऑरिगेरा. मक्खी की प्रजाति का यह कीड़ा जब अपने पंख खोलता है तो दो सेंटीमीटर बड़ा लगता है. एक मक्खी के लिए यह काफी बड़ा आकार है. इसकी लाल आंखें और सुनहरा शरीर इसे बाकी कीड़ों से एकदम ही अलग करते हैं.
इस साल की तितली है..
स्पर्ज हॉक मॉथ. इसकी पीठ पर ये लाल निशान देखने में जितने खूबसूरत हैं उतने ही खतरनाक भी हैं, क्योंकि उसके जहरीले होने का संकेत देते हैं. ये निशान परभक्षियों को इस बात से आगाह कराते हैं कि यह पतंगा जहरीला है.
और इस साल की मकड़ी है..
शीट वैब स्पाइडर. हालांकि इस मकड़ी पर कोई खतरा नहीं है, लेकिन लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाने के लिए इसे स्पाइडर ऑफ द ईयर का पुरस्कार दिया गया है.