2013: सीरिया का अंतहीन दर्द
1,20,000 से ज्यादा लोग गृह युद्ध में मारे गए हैं लेकिन सरकार और विरोधी दोनों ही तरफ से सुलह के कोई संकेत नहीं हैं
अस्तित्व की लड़ाई
सेना ने अलेपो में पेट्रोल और ईंधन डिपो में आग लगा दी. औरतें, बच्चे और पुरुष जान बचाने के लिए भागते हुए. सीरिया में जारी गृह युद्ध में अब तक सवा लाख लोग मारे जा चुके हैं. लाखों लोग जान बचाने के लिए सीरिया छोड़ चुके हैं. कूटनीतिक हल अब भी नजर नहीं आता.
दमिश्क में जहरीली गैस
21 अगस्त 2013: विपक्षियों ने आरोप लगाया कि सीरिया सरकार ने विरोधियों पर काबू पाने के लिए दमिश्क के दो शहरों में जहरीली गैस का इस्तेमाल किया. जल्द ही इंटरनेट पर इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो जारी किए गए. इस तस्वीर में दिखने वाले दो बच्चे भाग्यशाली हैं, जो बच गए.
ओबामा की चेतावनी
जहरीली गैस के हमले में 1400 से ज्यादा लोग मारे गए. अमेरिकी सरकार ने पहले ही सीरिया को केमिकल हमला न करने की चेतावनी दी थी. इसके बाद ओबामा सरकार को कड़े कदम उठाने पड़े. 30 अगस्त को ओबामा ने एलान किया कि हमले के लिए दोषी लोगों को सजा मिलेगी.
बेगुनाही का दावा
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने सेना का बचाव करते हुए रासायनिक हमले से इनकार किया. असद सरकार ने आरोप लगाया कि विपक्ष जोड़ तोड़कर तथ्यों को पेश कर रहा है ताकि पश्चिमी देशों को भड़काया जा सके. हालांकि रूस में भी असद के सहयोगी उलझन में थे. अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद असद ने यूएन के निरीक्षकों को सीरिया में आकर जांच की इजाजत दी.
सबूतों की तलाश
यूएन के निरीक्षकों ने दमिश्क के उपनगरों की कई बार यात्रा की. उन्होंने पीड़ितों से हमले के बारे में पूछा और अपने साथ नमूना ले गए. उन्होंने जांच में पाया कि हमले के लिए सरीन गैस का इस्तेमाल किया गया. लेकिन उन्हें यह बताने की इजाजत नहीं थी कि हमले के पीछे कौन था. यह उन्हें दिए गए अधिकारों का हिस्सा नहीं था. अमेरिकी सरकार के लिए स्पष्ट था कि असद इसके लिए जिम्मेदार हैं.
ओबामा के पास सैन्य विकल्प
चूंकि ओबामा की खींची गई लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन हुआ था, अमेरिकी राष्ट्रपति को मजबूरी में दखल के बारे में सोचना पड़ा. और वास्तव में सरीन गैस के हमले के कुछ दिनों के भीतर ऐसा लग रहा था कि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई करीब है. लेकिन अमेरिकी जनता सीरिया पर सैन्य हमले के पक्ष में नहीं थी.
कूटनीति के लिए अवसर
आखिरकार असद के साथी रूस ने ओबामा को एक विकल्प की पेशकश की. मॉस्को ने सीरिया में यूएन निरीक्षकों की जांच और असद के केमिकल हथियारों को नष्ट करने का प्रस्ताव दिया. सीरिया ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. 14 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इस समझौते का एलान किया.
अछूत से भागीदार
असद समर्थकों ने इस समझौते की सराहना की. असद की सरकार को केमिकल हथियार मजबूरी में सौंपने पड़े. लेकिन सैन्य कार्रवाई टल गई. असद की स्थिति मजबूत हो गई. एक बार फिर असद बातचीत की मेज तक पहुंचने में कामयाब हुए. असद विरोधियों के हाथ हताशा लगी. पश्चिमी हस्तक्षेप की उनकी उम्मीदें धराशायी होती नजर आई.
दबाव में विपक्ष
सैन्य नजरिए से विद्रोही लड़ाके धकेल दिए गए. सीरिया के जानकार हमादी अल आउनी के मुताबिक, ''असद की सेना ने 80 फीसदी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.''
रोजमर्रा की जिंदगी
फ्री सीरियन आर्मी के लड़ाके लड़ाई से दूर खाली समय में स्वीमिंग पूल में मजा लेते हुए. यह तस्वीर अलेपो की है. यह शहर भी देश की तरह दो गुटों में बंटा हुए है. कहीं सरकार का कब्जा है तो कहीं विद्रोहियों ने कब्जा किया हुआ है. खाद्य सामग्री की किल्लत है.
संकट में बच्चे
शरणार्थियों में 10 लाख बच्चे भी शामिल हैं. वे उन परिवारों में पलते बढ़ते जहां पिता का साया नहीं होता. गृह युद्ध की वजह से परिवार बिखर गए हैं. कुछ बच्चों को अपने परिवार के लिए काम करना पड़ता है. इस तस्वीर में दिख रहा बच्चा अपनी मां के साथ लेबनान के शरणार्थी कैंप में रहने को मजबूर है.
संशय में भविष्य
उत्सुकता से सीरिया शांति सम्मेलन का इंतजार हो रहा है लेकिन वह कई बार स्थगित कर दिया गया है. अब यह जिनेवा में 22 जनवरी के लिए निर्धारित है. लेकिन ज्यादातर विरोधी संगठन इसमें शामिल नहीं होने वाले हैं. समझौते की तरफ असद का झुकाव बेहद कम है.