1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

2010 जैव विविधता का वर्ष

रिपोर्टः आभा मोंढे (संपादनः ए जमाल)१४ जनवरी २०१०

संयुक्त राष्ट्र ने 2010 को बायोडाइवर्सिटी इयर यानी जैव विविधता वर्ष घोषित किया है. इस साल में विलुप्त होते जीव जंतुओं, पेड़ पौधो के बारे में लोगों में जागरुकता बढ़ाई जाएगी.

https://p.dw.com/p/LVWj
तस्वीर: DW / Helle Jeppesen

ध्रुवीय भालू, बड़ी भारी छिपकलियां, सफ़ेद शार्क, बेलुगा व्हेल मछली, नामीबिया के तरकश जैसे दिखाई देने वाले पेड़ जिन्हें क्विवर ट्री कहा जाता है और क्यूबा के मगरमच्छ इन सबके लिए इस साल एक दिन होगा.

प्रकृति का संरक्षण करने वाली अंतरराष्ट्रीय युनियन ने कहा है इस साल में पूरे 365 दिन विलुप्त होती अलग अलग प्रजातियों के बारे में इंटरनेट पर विस्तार से जानकारी दी जाएगी. जैव विविधता मामलों के जानकार जेन स्मार्ट का कहना है कि वक्त बहुत कम है और देशों को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा. हमारे सामने प्रजातियों के विलुप्त होने का गंभीर ख़तरा है. यह सिर्फ़ विलुप्त होने वाली प्रजाति की समस्या नहीं यह पूरी धरती के लिए ख़तरनाक है.

Eisbär Zoo San Francisco
ख़तरे में धुव्रीय भालूतस्वीर: AP

धीमी प्रक्रिया

जर्मनी की संस्था गेटीजेड के एडगर एंन्ड्र्यूक्राइटिस कहते हैं "बात यह है कि यह धीमी प्रक्रिया है, एकदम किसी को पता नहीं चलता कि पेड़ों की जीव जंतुओं की प्रजातियां ख़त्म हो रही हैं. लेकिन जब हमें यह समझ में आता है तो यह भी सामने आता है कि इस विलुप्त होने की इस प्रक्रिया के साथ पूरी प्रणाली ख़त्म हो सकती है. यह एक बड़ी इमारत के जैसा है कि अगर कोई इससे बहुत सारे पत्थर निकाल ले तो पूरी इमारत गिर जाएगी. यही जैव विविधता के ख़त्म होने पर होगा कि धरती की पूरी प्रणाली ढह जाएगी. इसलिए हमें इसे बचाना ज़रूरी है."

Kubakrokodil
क्यूबा के मगरमच्छ भी विलुप्त होने के ख़तरे मेंतस्वीर: John Thorbjarnarson

इसका एक बड़ा असर बाज़ार पर भी पड़ेगा. एडगर मधुमक्खी का उदाहरण देते हैं "एक मधुमक्खी शायद उतनी ज़रूरी नहीं लेकिन जो काम वह करती हैं परागकण फैलाने का वो डेढ़ अरब यूरो के बराबर है. अगर मधुमक्खियां ख़त्म हो गईं या उन्होंने शहद नहीं बनाया या परागकणों को इधर उधर नहीं ले गई तो यह खेती के व्यवसाय के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा क्योंकि आज तक हम कृत्रिम परागण करने में सफल नहीं हुए हैं."

Kamerun Biodiversität Blick auf den Korup Nationalpark in Südwest-Kamerun
कैमरून नेशनल पार्क में जैव विविधतातस्वीर: DW

विविधता में जीवन

जलवायु परिवर्तन के नए समझौते पर राज़ी नहीं हो सकने के बाद दुनिया धरती पर प्रजातियों को बचाने में लगी है क्योंकि कहीं न कहीं सब जानते हैं कि जैव विविधता का अंत एक तरह से मनुष्य की प्रजाति का भी अंत ही होगा.

जैव विविधता कितनी महत्वपूर्ण है इस बारे में दुनिया भर के कई देश काम कर रहे हैं जर्मनी की बात करें तो यहां सौ बॉटनिकल गार्डन्स हैं जहां पेड़ पौधों की खूब सारी किस्में हैं. बॉन के बॉटनिकल गार्डन में बच्चों और युवाओं को जैव विविधता को बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है और उन्हें घूमते घामते इस गंभीर विषय को समझाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र में जैवविविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के तहत काम कर रहे डेविड एन्सवर्थ कहते हैं "बॉटनिकल गार्डन में आसानी से सीखा जा सकता है, लोग आते हैं और ऐसे पेड़ पौधे देखते हैं जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे. और कुछ मामलों में अपने बाग़ीचे में लगे पेड़ पौधों के बारे में और जानकारी पा सकते हैं. यह सब उन्हें अपने आप जैव विविधता से जोड़ देता है."

ख़त्म हो गई एक पीढ़ी भी यह सीखाती ही रह गई कि इन्सान को अगर जीना है तो दूसरे पेड़ पौधों को भी जीने देना होगा.