200 साल बाद खुला ईसा मसीह का मकबरा
येरुशलम इन दिनों एक ऐतिहासिक पल का गवाह बन रहा है. दो सौ साल बाद उस जगह को फिर से खोला गया है जिसे ईसा मसीह का मकबरा कहा जा जाता है.
200 साल में पहली बार
येरुशलम में ईसा मसीह का मकबरा कही जाने वाली जगह को कम से कम दो सदियों में पहली बार खोला गया है.
यीशु का मकबरा
येरुशलम के 'चर्च ऑफ द हॉली सेपव्क्र' में ये मकबरा है, जो दुनिया भर के ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है.
पवित्र चट्टान
कहा जाता है इसी चर्च में वो चट्टान है जिस पर 33 ईसवी में यीशु को दफन करने के लिए रखा गया था.
मरम्मत
चर्च की मरम्मत के लिए हो रही काम के दौरान इस मकबरे को खोला गया है.
कब हुई आखिरी मरम्मत
बताया जाता है कि यहां आखिरी बार मरम्मत का काम 1810 में हुआ था. उस समय यहां लगी आग के बाद मरम्मत का काम हुआ था.
संगमरमर की पट्टियां
ये जगह संगमरमर की पट्टियों से घिरी है, जिन्हें हटाया जा रहा है ताकि वहां मरम्मत का काम हो सके.
फिल्मांकन
ग्रीक विशेषज्ञों की एक टीम इस मरम्मत के काम को कर रही है और नेशनल जियोग्राफिक इस पूरी प्रक्रिया को फिल्मा रहा है.
शोध के लिए अहम
इस स्थल का खुलना शोधकर्ताओं के लिए भी अहम है क्योंकि इससे उन्हें अहम जानकारी मिल सकती है.
चर्च
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फिर से जीवित होने से पहले ईसा मसीह को इसी गुफा में दफनाया गया था. 19वीं सदी में इस जगह पर एक चर्च बनाया गया था.
यीशु का चित्र
इस जगह पर ईसा मसीह का एक चित्र भी है. उम्मीद है कि मार्च 2017 में ये मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा.
मुश्किल सहमति
पवित्र स्थलों की मरम्मत के काम की अनुमति मिलना अकसर बहुत मुश्किल माना जाता है. इसके लिए चर्च के विभिन्न संरक्षकों के बीच सहमति कायम करनी पड़ती है.
60 घंटे
मुख्य ईसाई समुदायों ने सिर्फ आंतरिक गर्भगृह की मरम्मत के लिए 60 घंटे का समय विशेषज्ञों को दिया है.