19 घंटे की मेहनत एक मिनट में
१७ सितम्बर २०१३
इटली के समुद्री तट पर चट्टान से टकराने के बाद यह जहाज टेढ़ा हो कर पानी में डूब गया था. 19 घंटे की कड़ी और अनवरत मेहनत के बाद इंजीनियर इसे सीधा करने में सफल हो गए. जरा सी गड़बड़ होने पर इसके उलटने और डूबने का खतरा था.
इटली के नागरिक सुरक्षा अधिकारी प्रमुख फ्रांको गाब्रिएली ने पत्रकारों को बताया, "जहाज को उसके प्लेटफॉर्म पर टिका दिया गया है. टीवी में देखा जा सकता था कि साल भर पानी में पड़े जहाज को कई जगह से जंग लग गई है और काफी टूट फूट हुई है. प्रोजेक्ट स्थानीय समय के हिसाब से सुबह चार बजे पूरा हुआ.
सोमवार को इस काम में काफी अड़चनें आईं. रात भर तूफान के कारण इंजीनियर इस पर करीब तीन घंटे काम नहीं कर सके. इसके बाद स्टील की केबल में गठान पड़ गई तो एक घंटा काम और रुक गया.
काम धीमा हो रहा था लेकिन इस प्रोजेक्ट पर फूंक फूंक कर काम किया जा रहा था और सुरक्षा का भी बहुत ज्यादा ध्यान रखा गया था.
अधिकारियों ने कहा है कि कोई जहरीला केमिकल जहाज से लीक नहीं हुआ है.
290 मीटर ऊंचे और एक लाख टन से ज्यादा भारी इस जहाज को सीधा करने में काफी उपाय करने पड़े. सबसे पहले तो केबल और घिरनी की मदद से इसे पानी से बाहर निकालने की कोशिश की गई. जहाज के आस पास लगाए गए पानी के टैंकरों ने भार को संतुलित करने में मदद की.
जनवरी 2012 में जहाज के कप्तान फ्रांसेस्को स्केतिनो ने अचानक दिशा बदलने के आदेश दिए जिसके कारण जहाज पानी के नीचे की चट्टान से टकरा गया और गिग्लियो द्वीप के पास भूमध्यसागर में टेढ़ा हो गया. इस दुर्घटना में 32 लोग मारे गए.
26 देशों के करीब 500 लोगों ने इस जहाज को उठाने में मदद की. जहाज को चलाने वाली कंपनी कोस्टा क्रूस को इसका खर्च करीब 60 करोड़ यूरो आया.
एएम/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए)