18 महीने तक बंद डिब्बे में गए छह लोग
४ जून २०१०इस टीम में शामिल सदस्य यूरोप, रूस और चीन से हैं और वह प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के लिए अपनी इच्छा से ही तैयार हुए हैं. मार्स 500 नामके इस प्रोजेक्ट को अभूतपूर्व माना जा रहा है और इसमें कोई महिला शामिल नहीं है.
एक चीनी, एक फ्रेंच, एक इतालवी और तीन रूसी अगले 520 दिन यानी लगभग डेढ़ साल नकली स्पेसशिप में बिताएंगे और यह स्पेसशिप मॉस्को के मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में स्थित है. इस अवधि में यह टीम कई तरह के प्रयोगों में हिस्सा लेगी जिनमें मार्स में स्पेसवॉक की नकल करने की भी कोशिश होगी.
इस प्रोजेक्ट के जरिए मार्स तक की यात्रा, वहां से वापसी की नकल करने की कोशिश की जा रही है और इसमें डेढ़ साल का समय लगने का अनुमान है. यह भी पता लगाने की कोशिश होगी कि आपात स्थिति में कैसे हालात होते हैं और किस तरह का मानसिक दबाव होता है. वैज्ञानिक को उम्मीद है कि उन्हें अहम डाटा मिलेगा जिससे वह जान सकेंगे कि लंबी अवधि वाली स्पेस फ्लाइट में क्या दिक्कतें पेश आती हैं.
नीली रंग की पोशाक पहने सभी 6 सदस्य मुस्कुराए, हाथ उठाकर अपने परिवारजनों को अभिवादन किया और उनके रिश्तेदारों ने भी उन्हें भावुक विदाई दी. लेकिन कुछ लोग इस भावुक क्षण में भी मजा लेने में पीछे नहीं रहे और उन्हें 2011 नए साल की बधाई अभी से दे डाली.
कैमरा लाइटों के बीच रुस की ओर से इस मिशन में हिस्सा लेने वाले सुखरोब कामोलोव ने कहा, "सी यू इन 520 डेज." उसके बाद धीरे धीरे वैज्ञानिकों ने भारी भरकम लोहे के दरवाजे को बंद कर दिया जिसके भीतर ये लोग अब 520 दिन बिताएंगे.
दरवाजा तभी खुलेगा जब या तो प्रयोग पूरा हो जाएगा या फिर कोई व्यक्ति बाहर आने का फैसला करेगा. उस स्थिति में व्यक्ति को मृत माना जाएगा और उसके शरीर को स्पेस से बाहर रख दिया जाएगा.वास्तविक मार्स मिशन की तर्ज पर इस टीम को उसी राशन पर निर्भर रहना पड़ेगा जो अंतरिक्षयात्री इस्तेमाल करते हैं. बाहरी दुनिया से संपर्क का माध्यम सिर्फ ईमेल होगा लेकिन वह भी 40 मिनट की देरी से पहुंचेगी.
हाल ही में शादी के बंधन में बंधने वाले एलेक्साई सितेव को अपनी पत्नी से करीब डेढ़ साल की लंबी दूरी सहनी होगी. कुछ ही हफ्ते पहले दोनों की शादी हुई है और उनकी पत्नी आइरिन उरबिना इस स्थिति में अपने को संभाल पाना बेहद मुश्किल मानती हैं. "मुझे अभी से उनकी याद आ रही है. मैं इस वक्त रो रही हूं." आइरिन का कहना है कि अंतरिक्ष के प्रति उनके पति के दीवानेपन के चलते ही वह इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बने.
यूरोपीय स्पेस एजेंसी के प्रमुख मार्टिन जैल का अनुमान है कि मार्स तक वास्तविक उड़ान भेजने में अभी 20 से 25 साल का समय लग सकता है. लेकिन वह मानते हैं कि ऐसा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
सवाल बस यही है कि यह कब होता है. इस प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रही टीम के सदस्य कभी भी नकली स्पेसशिप से बाहर आ सकते हैं लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अवधि पूरी होने तक कोई नहीं आएगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य