170 साल बाद मिला खोया जहाज
१० सितम्बर २०१४कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस गायब जहाज के मिलने की घोषणा की. आखिरी बार इन दोनों जहाज को 1840 में देखा गया था. एचएमएस इरेबस और एचएमएस टेरर की लंबे समय से तलाश थी. दोनों जहाज रियर एडमिरल सर जॉन फ्रैंकलिन के नियंत्रण में थे. प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के दफ्तर ने कहा कि अच्छी तरह से संरक्षित एक जहाज का मलबा रविवार को मिल गया. पानी के भीतर रिमोट से चलने वाले यान की मदद से मलबा ढूंढ निकाला गया. किंग विलियम द्वीप के पास सतह से 11 मीटर नीचे यह मलबा मिला है. द्वीप टोरंटो के उत्तर पश्चिम में पड़ता है. हार्पर ने कहा है कि अब तक यह साफ नहीं है कि मलबा किस जहाज का है, लेकिन सोनार तकनीक की मदद से निकली तस्वीरों से पर्याप्त जानकारी मिलती है और यह पुष्टि होती है कि जहाज फ्रैंकलिन का है.
हार्पर ने कहा, "यह वाकई कनाडा के लिए ऐतिहासिक क्षण है. यह कनाडा की महान कहानी और रहस्य है और वैज्ञानिकों, इतिहासकारों, लेखकों और गायकों का विषय है. इसलिए मुझे लगता है कि यह दिन देश के इतिहास के नक्शे के लिए महत्वपूर्ण है." हार्पर का कहना है कि इस खोज के बाद यह पता चल पाएगा कि फ्रैंकलिन के चालक दल का क्या हुआ होगा. 1845 में उत्तर पश्चिम मार्ग के लिए निकले फ्रैंकलिन और 128 चालक दल गायब हो गए थे. नॉर्थवेस्ट पैसेज एशिया के लिए कम दूरी का रास्ता है. माना जाता है कि यह अटलांटिक से लेकर प्रशांत महासागर तक को जोड़ता है. इतिहासकारों का मानना है कि किंग विलियम द्वीप के पास बर्फ में अटकने के बाद जहाज 1848 में भटक गए और चालक दल के सदस्य ने निराशाजनक कोशिश के बाद जहाज छोड़ने का फैसला किया.
1800 में ब्रिटिश और अमेरिकियों ने दर्जनों तलाशी अभियान चलाया लेकिन मलबा नहीं मिल पाया. कुछ अभियान तो दर्दनाक हादसे में भी खत्म हुए. कनाडा ने 2008 में जहाजों की तलाशी का एलान किया और हार्पर की सरकार ने लाखो डॉलर इस खोज में लगाए. प्रधानमंत्री खुद भी खोज का हिस्सा बने. हार्पर सरकार ने इस प्रोजेक्ट को शीर्ष प्राथमिकता वाला करार दिया, कनाडा नॉर्थवेस्ट पैसेज को अपनी संप्रभुता के अधिकार के तौर पर देखता है. कनाडा का कहना है कि वह पैसेज पर अधिकार रखता है जबकि अमेरिका और अन्य देशों का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र है.
एए/एएम (एएफपी)