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13 साल की जैन लड़की की मौत ने उठाए फिर कई सवाल

१० अक्टूबर २०१६

हैदराबाद में 68 दिन के उपवास के बाद 13 साल की एक जैन लड़की की मौत ने भारत में फिर बहस छेड़ दी है. एक बाल अधिकार समूह ने लड़की के माता पिता को गिरफ्तार करने की मांग की है.

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तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. Ut

हैदराबाद के एक जैन परिवार ने पिछले सोमवार को अपनी 13 साल की बेटी अराधना समदरिया का उपवास पूरा होने का जश्न मनाया. उसे रथ पर बिठाकर बाकायदा जुलूस निकाला गया. लेकिन इसके एक ही दिन बाद लड़की को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई. इस मामले के बाद भारत फिर एक बहस शुरू हो गई है कि क्या इस तरह के उपवास उचित हैं.

पुलिस अधिकारी एम मथैया का कहना है कि एक बाल अधिकार संस्था की शिकायत पर लड़की के मां बाप पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. बालाला हक्कुला संघम नाम के इस एनजीओ का कहना है कि जैन धर्म के एक धार्मिक अनुष्ठान के तहत लड़की से दबाव में उपवास कराया गया. पुलिस अधिकारी ने कहा, "अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. हमारी जांच का आधार डॉक्टर की रिपोर्ट ही होगी. हम इस बारे में आगे बढ़ने से पहले परिवार से पूछताछ करेंगे."

वहीं परिवार का कहना है कि अराधना ने अपनी मर्जी से 68 दिन का चतुरमास उपवास किया था, जिसमें व्यक्ति दिन में सिर्फ दो बार उबला हुआ पानी पी सकता है. उसके अंतिम संस्कार में 600 से ज्यादा लोग शामिल हुए. उसे "बाल संत" कहा जा रहा है. कई लोग उसकी मृत्यु का भी जश्न मना रहे हैं. भारतीय मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि अराधना के माता-पिता को एक संत ने कहा था कि अगर बेटी उपवास करेगी तो उन्हें कारोबार में फायदा होगा.

हालांकि अराधना के दादा माणिकचंद समदरिया इन आरोपों से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि अराधना ने अपनी मर्जी से उपवास किया था और वह उसकी मौत के बाद बहुत ही व्यथित हैं. उन्होंने कहा, "ये उसकी श्रद्धा थी. किसी ने उसे मजबूर नहीं किया. उसने 2015 में भी 34 दिन का और 2014 में आठ दिन का उपवास भी किया था."

जैन धर्म में आम तौर पर बुजुर्ग लोग इस तरह के उपवास करते हैं. पिछले साल एक अदालत ने जैन धर्म में स्वेच्छा से मृत्यु तक किए जाने वाले उपवास "संथारा" पर रोक लगा दी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए कहा कि ये अनुष्ठान अहिंसा का एक रूप है.

लेकिन बालाला हुक्काना संघम एनजीओ अराधना की मौत को हत्या बता रहा है. संगठन के मानद अध्यक्ष पी अच्युता राव ने कहा, "यह एक नियोजित और क्रूर हत्या है. हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि लड़की के माता पिता और उस संत को गिरफ्तार किया जिसने ऐसा करने की सलाह दी थी."

तेलंगाना कांग्रेस ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है. राज्य के एक कांग्रेस नेता उत्तम कुमार ने कहा, "ये दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि ऐसी घटना हुई है. जो लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हैं, उन्हें कदम उठाना चाहिए ताकि आगे ऐसा न हो."

एके/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)