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120 साल बाद राजा का राज

३० अप्रैल २०१३

बीयर को प्यार की हद तक चाहने वाले छात्र से ओलंपिक कमेटी के सदस्य और संयुक्त राष्ट्र में जल प्रबंधन के विशेषज्ञ से होते हुए अब प्रिंस विलेम अलेक्सांडर नीदरलैंड्स के राजा का पद संभालने वाले हैं.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

क्वीन बेआट्रिक्स ने 33 साल के शासन के बाद रानी के पद से हटने का फैसला किया ताकि वह परिवार को ज्यादा समय दे सकें. हालांकि ऐसा नहीं है कि वह शाही परिवार के बाहरी कामों से पूरी तरह निवृत्त हो जाएंगी.

पद से हटने के फैसले और बेटे को गद्दी सौंपने के निर्णय ने देश को उत्साह से भर दिया है. इसमें देशभक्ति और गर्व का भाव भी शामिल है लेकिन साथ ही समानतावादी समाज में राजशाही की भूमिका पर भी बहस जारी है. विलेम अलेक्सांडर को जीवन भर राजा बनने के लिए ही तैयार किया गया था लेकिन उन्होंने खुद के लिए एक व्यस्त जीवन बनाया. जिसका कुछ हिस्सा अब उन्हें छोड़ना पड़ेगा.

तीन बच्चियों के पिता प्रिंस अलेक्सांडर को अपने व्यस्त करियर छोड़ने का दुख नहीं. एक टीवी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, "क्योंकि कभी कभी जिसे मजाक में रिबन कटिंग कहा जाता है, वह अर्थपूर्ण काम भी हो सकता है."

Königin Beatrix Dinner in Amsterdam
तस्वीर: Getty Images

नीदरलैंड्स की रिपब्लिकन मूवमेंट ने कहा है कि वह एम्सटरडम में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्हें उम्मीद है कि विलेम देश के आखिरी राजा होंगे. न्यू रिपबल्किन सोसायटी के आन्यो क्लेमेंट कहते हैं, "हमें राजनीतिक स्थिति देखनी होगी. एक प्रस्ताव है जिसके तहत वह सरकार से बाहर होंगे. क्योंकि अब रिबन काटने और सिवा इस बात का जवाब देने के उस पद पर कुछ बचा नहीं है कि उनकी बेटी 20 साल की होने पर क्या करेगी. हमें लगता है कि वह आखिरी डच राजा होंगे."

वैसे तो डच राजशाही देश की सरकार का हिस्सा है लेकिन उनके अधिकार सीमित हैं. पिछले साल नई सरकार बनाने के लिए रानी ने एक सलाहकार की नियुक्ति की थी ताकि गठबंधन सरकार बन सके. अब सांसदों ने ये अधिकार वापस ले लिया है. वहीं लाइडन यूनिवर्सिटी में डच इतिहास के प्रोफेसर हेंक दे वेल्डे कहते हैं, "ऐसा लगता है कि राजशाही की राजनीतिक भूमिका कम होने की बजाए बढ़ेगी." इससे पहले 1980 में बेआट्रिक्स गद्दी पर बैठी थीं.

इस दौरान होने वाले समारोह के आयोजकों ने वादा किया है कि वो ज्यादा पैसे खर्च नहीं करेंगे क्योंकि नीदरलैंड्स की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और बेरोजगारी की दर हाल के महीनों में बढ़ गई है. 1890 में डच राजा विलेम तृतीय की मौत के बाद विलेम अलेक्सांडर पहले राजा होंगे. इसके बीच में तीन रानियों ने नीदरलैंड्स पर राज किया, ये थीं, विल्हेल्मिना, युलियाना और अब बेआट्रिक्स. नए बनने वाले राजा का कहना है कि वह परंपरा का सहारा लेते हुए भविष्य के लिए काम करेंगे. "सबसे पहले तो मैं पारंपरिक राजा बनना चाहता हूं. अपने पूर्वजों की परंपरा पर चलते हुए देश की स्थिरता के लिए काम करना. लेकिन 21वीं सदी का राजा भी बनना चाहता हूं जो एकता बनाए, देश का प्रतिनिधित्व करे और समाज को उत्साह भी दिलाए."

बाजार में

विलेम अलेक्सांडर के राजा बनने की घोषणा होने की देर थी कि उनके नाम की बीयर से लेकर सेक्स टॉय, गांजे से लेकर फर वाले जूतों तक सब उनके नाम पर बन रहा है. डच उनके नाम पर हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं. पूर्वी गांव रहा में एब्डिकेशन बीयर बनाई जा रही है. इसे बनाने वाले स्टीव गैमैज ने बताया कि उन्होंने एक खास तरह की जौ इसे बनाने में इस्तेमाल की है जिससे बीयर में नारंगी सा रंग आ जाता है. उन्होंने इसका उत्पादन एक हजार लीटर से बढ़ा कर 10 हजार लीटर कर दिया है.

राजा की तस्वीर वाली क्रॉकरी, टी शर्ट का तो कहना ही क्या. ऑरेंज आइसिंग वाले केक भी बाजार में मौजूद हैं. करीब करीब सभी दुकानों ने राष्ट्रीय और शाही रंग को मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल किया है चाहे वो रैपिंग पेपर हो या खिड़की का पर्दा. एक कंपनी चीते की खाल जैसी लॉन्जरी भी बाजार में लाई है वहीं इक विलेम लिखा ऑरेंज वाइब्रेटर भी इंटरनेट पर बिक रहा है.

एएम/एनआर (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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