103 साल बाद खुला खोई पनडुब्बी का रहस्य
२२ दिसम्बर २०१७रॉयल ऑस्ट्रेलियन नौसेना की ओर से बनाई गई दो पनडुब्बियों में से एक एचएमएएस एई1 (HMAS AE1) के गायब होने का माजरा अब सुलझ गया है. यह पनडुब्बी प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान 14 सितंबर 1914 में ड्यूक ऑफ यॉर्क आईलैंड के पास से गायब हो गई थी. इसकी खोज पिछले कई सालों से की जा रही थी. हाल ही में एई1 की खोज के लिए फ्यूग्रो इक्वेटर का उपयोग कर 13वां खोज अभियान शुरू किया गया था. अभियान के दौरान पानी में 1000 फीट की गहराई पर पनडुब्बी के मलबे का कुछ हिस्सा मिला है. फ्यूग्रो इक्वेटर का इस्तेमाल मलेशियाई एयरलाइंस के खोए विमान एमएच 370 का पता लगाने के लिए भी किया गया था.
एई1 पनडुब्बी में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड के तकरीबन 35 सदस्य थे. प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान किसी पनडुब्बी को हुआ यह पहला नुकसान था. ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री मराइस पायने ने ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिक इतिहास की 103 साल पुरानी गुत्थी को अब सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा, "यह ऑस्ट्रेलिया के समुद्री इतिहास की अहम खोजों में से एक है." पायने ने उम्मीद जताई की पनडुब्बी का यह मलबा जांचकर्ताओं को इसके डूबने के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा.
एई1 को साल 1911 में बनाना शुरू किया गया था. साथ में ऐसी ही एक और पनडुब्बी एई2 भी तैयार की गई थी. ये दोनों ही पनडुब्बियां ऑस्ट्रेलिया भेजी गई थीं. एई1 को मुख्य तौर से जर्मनी की प्रशांत क्षेत्र में बने उपनिवेशों के खिलाफ लगाया था वहीं एई2 को न्यू गुयाना द्वीप के पूर्वोत्तर हिस्से के खिलाफ तैनात किया गया था. लेकिन 14 सिंतबर के दिन यह ड्यूक ऑफ यॉर्क द्वीप के पास से समंदर से कही गायब हो गई थी.
एए/एनआर (एएफपी)