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100 साल की बिंदास आउडी

१७ जुलाई २००९

चार रुपहले छल्ले और चमकता रंग. आउडी कार की बात तो ज़रा हट कर है. रफ़्तार और डिज़ाइन का बेहतरीन मेल और चाहने वाले हर उम्र के लोग. आउडी आज 100 साल की बुढ़िया कार नहीं, 100 साल की तरोताज़ा और बिंदास कार है.

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चमचमाती आउडीतस्वीर: Audi

जर्मनी दुनिया का सबसे बड़ा कार बाज़ार है लेकिन आउडी इस बाज़ार में अपनी अलग पहचान बनाता है. कंपनी ने 1909 में शुरुआत के साथ ही स्पोर्ट्स कार का सपना देखा. मर्सीडीज़ बेंज़ और बीएमडब्ल्यू के बाज़ार में आउडी ने अपनी अलग पहचान बनाई और ख़ूब बिकी.

शुरुआत में ही आउडी ने बड़ा प्रयोग किया और स्टीयरिंग को बीच में रखने की जगह 1921 में उसे बाईं ओर पहुंचा दिया. बाद में सभी गाड़ियों को ऐसा करना पड़ा. भारत की गाड़ियों में भले ही स्टीयरिंग दाहिनी तरफ़ होती है लेकिन यूरोप अमेरिका और दुनिया के ज़्यादातर देशों की गाड़ियों में स्टीयरिंग आज भी बाईं ओर ही होती है.

100 Jahre Audi Flash-Galerie
1930 की शान की सवारीतस्वीर: Audi

जर्मनी के अगस्त होर्श ने पूरे 100 साल पहले इस कार का ख़्वाब देखा और अलग तरह की कार का ख़्वाब देखा. लोगों ने इसे ख़ूब पसंद किया लेकिन 1930 के दशक की आर्थिक मंदी में जब खाने के लाले पड़ रहे थे, लग्ज़री कार दूर का ख़्वाब हो गया. बिक्री घटी तो कंपनी मुश्किल में आई और फिर तीन दूसरी कंपनियों को साथ लेकर चलने का फ़ैसला किया गया. इसी के बाद कंपनी का निशान चार छल्लों का बना. इनमें से पहला छल्ला आउडी, दूसरा डीकेडब्ल्यू, तीसरा होर्श और चौथा वान्डेरर को दर्शाता है. इसके बाद तो यह आउडी का जाना पहचाना निशान बन गया. हालांकि इसी लोगो की वजह से आउडी विवादों में भी आया, जब ओलंपिक संघ ने इस पर मिलता जुलता लोगो तैयार करने का आरोप लगाया. ओलंपिक के लोगो में पांच छल्ले होते हैं.

मंदी से पहले और मंदी के बाद आउडी अपनी रफ़्तार से चलता रहा पर बाद में 1950 के दशक में मर्सीडीज़ कार बनाने वाली कंपनी डायमलर ने इसे ख़रीद लिया. इसके बाद 1964 में इसे जर्मनी में आम लोगों की कार बनाने वाली कंपनी वॉक्सवैगन को बेच दिया गया. आउडी वॉक्सवैगन की हो गई. लेकिन इसका लोगो, इसका नाम और इसका ब्रांड कभी नहीं बदला. आउडी ब्रांड इतना बड़ा बन चुका था कि कारें सिर्फ़ इसके नाम से बिक जाया करती थीं. आउडी पसंद करने और इसे चाहने वाले लोग इसके ऊपर किसी और ब्रांड का निशान नहीं देखना चाहते.

Flash Galerie Audi
कभी ऐसी भी दिखी आउडीतस्वीर: Audi

आउडी का किस क़दर क्रेज़ है, इसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसके नाम पर अलग टेलीविज़न चैनल है, जो दुनिया भर के देशों में दिखाया जाता है. रफ़्तार और ऐक्शन वाली फ़िल्मों में आउडी कार को ख़ूब उभार उभार कर दिखाया जाता है. फ़र्राटा भरती कारों में पोर्शे और आउडी के नाम ही सबसे पहले सामने आते हैं.

हालांकि आउडी के 100 साल ऐसे वक्त में पूरे हुए हैं, जब उसका मालिकाना हक़ रखने वाली वॉक्सवैगन और जर्मनी की एक और बड़ी कार कंपनी पोर्शे के बीच जंग छिड़ी है. कभी पोर्शे वॉक्सवैगन को ख़रीदना चाहता था, आज वॉक्सवैगन पोर्शे को ख़रीदना चाह रहा है. जंग बड़ी हो लेकिन आउडी तो आउडी है. मुश्किल के बीच रास्ता निकालना उसे ख़ूब आता है.

रिपोर्टः सरिता झा

संपादनः ए जमाल