1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

100 टेस्ट के बाद संन्यास लेंगे सहवाग!

२० फ़रवरी २०१०

धाकड़ बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि 100 टेस्ट मैच खेलने के बाद वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं. अपने साथी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर को पछाड़ कर वीरेंद्र सहवाग टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज़ बने.

https://p.dw.com/p/M6SH
100 टेस्ट खेलने की तमन्नातस्वीर: AP

शुक्रवार को सहवाग ईएसपीएन-क्रिकइंफ़ो टेस्ट बैटिंग अवॉर्ड से सम्मानित किए गए. टेस्ट क्रिकेट में अपनी पारी पर सहवाग ने कहा कि 100 टेस्ट खेलने के बाद वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं. "मैं 100 टेस्ट खेलना चाहता हूं और जब एक बार मैं यह कर लूंगा तो टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की सोचूंगा."

Virender Sehwag
तस्वीर: AP

भारत की ओर से सहवाग 76 टेस्ट मैचों में खेल चुके हैं. सहवाग मानते हैं कि अभी वह 3-4 साल आराम से क्रिकेट खेल सकते हैं. "मेरी उम्र 31 साल है और मैं अच्छा खेल रहा हूं. अगले तीन चार सालों में मेरा खेल और बेहतर होगा."

सहवाग के 863 अंक हैं और अब वह टेस्ट में टॉप बल्लेबाज़ हैं. पहली बार वह इस मुक़ाम पर पहुंचे हैं. टेस्ट और वनडे में ओपनर के रूप में सहवाग ने अपना डंका बजाया है लेकिन सहवाग मानते हैं कि मध्य क्रम में भी वह सफल खिलाड़ी साबित हो सकते थे. सहवाग मिडिल ऑर्डर में ही बैटिंग करना पसंद करते हैं.

सहवाग की राय में टेस्ट क्रिकेट में एक दो दिन फ़ील्डिंग करते हुए बिताना और फिर 10 मिनट में ओपनिंग करने के लिए पिच पर आना आसान नहीं होता. सहवाग ने कहा कि छठे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने से आपको आराम करने का समय मिल जाता है.

सहवाग को अगर मौक़ा मिले तो वह नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरना चाहेंगे. इसके लिए वह सचिन तेंदुलकर के रिटायर होने का इंतज़ार करने के लिए भी तैयार हैं. "मैं चौथे नंबर पर बैटिंग करना चाहता हूं लेकिन मुझे तब तक मौक़ा नहीं मिलेगा जब तक तेंदुलकर खेल रहे हैं." मज़ाक के मूड में दिख रहे सहवाग ने कहा कि वह इंतज़ार करने के लिए तैयार हैं.

अपनी बैटिंग फ़िलॉसफ़ी पर सहवाग ने कहा कि आक्रामकता उनकी ताक़त है और अगर वह सुरक्षात्मक खेलने की कोशिश करते हैं तो उन्हें इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ता है. "लोग कहते हैं कि मैं बहुत जोखिम भरे शॉट खेलता हूं लेकिन आप सुरक्षात्मक ढंग से खेलते हुए भी आउट हो सकते हैं. अगर आप बहुत सोचते हैं तो फिर बैटिंग करना असंभव हो जाता है."

सहवाग ने कहा कि शुरुआत से ही वह हर गेंद पर रन बनाने की सोचते थे और अगर विकेट पर आधा घंटा भी टिकने का मौक़ा मिलता है तो उसका वह ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा उठाने की कोशिश करते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा