100 साल की जलपरी
डेनमार्क की मशहूर जलपरी 23 अगस्त 2013 को 100 साल की हो गयी. यह शहर का प्रतीक है. यूरोप के कई देशों और शहरों में इस तरह के प्रतीक बनाए गए हैं. आइए, इन पर एक नजर डालें.
कोपनहेगन की मत्स्यकन्या
हंस क्रिस्टियान आंदर्सन की कहानी से निकली इस जलपरी को सबसे ज्यादा बार कैमरे में कैद किया गया है. 1913 में एडवर्ड एरिक्सन ने ये मूर्ति बनाई. इसका चेहरा द मरमेड नाटक में काम करने वाली डांसर एलेन प्राइस के जैसा है. जबकि मूर्ति का बाकी शरीर एरिक्सन ने अपनी पत्नी जैसा बनाया.
ब्रसेल्स का यह बच्चा
बहुत पुराना लेकिन उतना ही मशहूर है यह बच्चा. 1619 में ओरिजिनल मूर्ति बनाई गई थी, लेकिन 61 सेंटीमीटर का कांसे का पुतला चोरी हो गया. उसके बाद से यहां इसकी कॉपी लगी है. 1698 से इस मूर्ति को खास मौकों पर खास कपड़े पहनाए जाते हैं. इसकी कुल 850 ड्रेस हैं. कभी ये एल्विस प्रिसले तो कभी मोजार्ट की पोशाक में दिखता है.
ऑस्ट्रिया का लिंडवुर्म
शहरों में लगे प्रतीक अक्सर उस शहर या राज्य की स्थापना की कहानियों से जुड़े होते हैं. ऑस्ट्रिया के क्लागेनफुर्ट की कहानी के मुताबिक एक ड्रैगन शहर के नजदीक एक दलदल में रहने लगा. जो भी इसके पास जाता, वह उसे खा लेता. तो निवासियों ने एक बैल को इसके पास भेजा. जैसे ही ड्रैगन बाहर निकला लोगों ने उसे पकड़ एक टॉवर पर बांध दिया और फिर उसे मारा.
रोम के भाई
कहानी के मुताबिक रोमुलुस और रेमुस भाइयों ने रोम की स्थापना की थी. कहा जाता है कि उनकी मां रेआ सिल्विया का युद्ध के देवता मंगल ने बलात्कार किया था और इस कारण इन दोनों भाइयों का जन्म हुआ. मां ने इन्हें जंगल में छोड़ दिया था और उन्हें एक भेड़िये ने बड़ा किया. लेकिनजोनों के बीच झगड़ा हो गया और रोमुलुस ने रेमुस की हत्या कर दी. इसलिए इटली का यह शहर रोम कहलाता है रेम नहीं.
आइजेनाख में लुथर की मूर्ति
मार्टिन लुथर (यहां विटेनबर्ग की मूर्ति) ने जर्मनी में रोमन कैथोलिक चर्च में सुधार लाने के लिए संघर्ष किया. इस कारण चर्च में विभाजन हो गया और प्रोटेस्टेंट चर्च अस्तित्व में आया. लुथर ने बाइबल का लैटिन से जर्मन में अनुवाद कर उसे आम लोगों के लिए भी उपलब्ध करवा दिया.
यीशु की मूर्ति
पोलैंड में 2010 में यीशु की सबसे बड़ी मूर्ति लगाई गई. यह रियो में लगी यीशु की मूर्ति से दो मीटर ऊंची है. स्थानीय पादरी का कहना है कि यीशु ने सपने में उन्हें ये मूर्ति बनवाने का आदेश दिया था. क्या इसके पीछे सम्मान एक कारण था, पता नहीं. लेकिन ये सच है कि दुनिया में और कहीं कैथोलिक धर्म का इतना बड़ा प्रतीक चिह्न नहीं है.
कॉन्सटांस की इम्पिरिया
नौ मीटर ऊंची इम्पिरिया की मूर्ति व्यंग्यात्मक तरीके से कॉन्सटांस में हुए चर्च सम्मेलन (1414-1418) की याद दिलाती है. इस सम्मेलन का लक्ष्य फ्रांसीसी और रोमन हिस्से में बंटे चर्च का मेल कराना था. खुले कपड़े पहनी हुई इस गणिका ने सम्राट और पोप को अपने हाथ पर रखा हुआ है. 1414-1418 के दौरान कई गणिकाओं ने सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों को अपनी सेवाएं दी थीं.
जीन संवर्धित जलपरी
मूल मूर्ति से 400 मीटर की दूरी पर उससे बड़ी जीन संवर्धित मूर्ति कोपनहेगन में 2006 से लगी हुई है. नौ मीटर ऊंची यह मूर्ति ब्योर्न न्योरगार्ड ने बनाई है. इसके अजीब से शरीर और उकसाने वाली नजर के जरिए उन्होंने उत्तर आधुनिक समाज को दिखाने की कोशिश की है.
ब्रेमेन के संगीतकार
ब्रेमेन के श्टाटमूजिकान्टेन ग्रिम भाइयों की परीकथाओं से आए हैं. इसके पीछे एक सामाजिक आलोचना है. मुर्गे, बिल्ली, कुत्ते और गधे उन नौकरानियों और नौकरों के प्रतीक हैं जिन्हें 19वीं सदी में मालिकों ने उम्र बढ़ने के कारण काम से हटा दिया था.