10 सबसे शक्तिशाली महिलाएं
अपने अधिकारों के लिए अब भी दुनिया में महिलाओं का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है. मगर तमाम बाधाओं को पार कर विश्व की कुछ महिलाएं कई क्षेत्रों में सफल नेतृत्व दे रही हैं. देखिए कौन हैं विश्व की 10 सबसे शक्तिशाली महिला नेत्रियां.
अंगेला मैर्केल
2005 में जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनी मैर्केल ने यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को अपने दमदार नेतृत्व से आगे बढ़ाया है. लगातार तीन बार चांसलर चुनी गईं मैर्केल ने आर्थिक संकटों, राजनीतिक मुद्दों और शरणार्थी संकट जैसी बेहद कठिन स्थितियों में भी जर्मनी और यूरोप ही नहीं पूरे विश्व को राह दिखाई है. फिजिक्स में डॉक्टरेट मैर्केल फोर्ब्स की सबसे शक्तिशाली महिला की सूची में भी शीर्ष पर रहीं.
टेरीजा मे
मार्गरेट थैचर के बाद ब्रिटेन की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली मे ने 13 जुलाई 2016 को डेविड कैमरन के इस्तीफे के बाद पद संभाला. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने के फैसले से पैदा हुए गंभीर राजनैतिक और आर्थिक उथल पुथल के दौर में देश की कमान संभालने वाली मे 2010 से गृह मंत्री थीं और ब्रिटेन के ईयू के साथ रहने की पक्षधर भी.
हिलेरी क्लिंटन
अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला क्लिंटन (1993-2001) न्यूयॉर्क राज्य की सीनेटर भी रह चुकी हैं. अब देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने की उम्मीदवार क्लिंटन किसी प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी की उम्मीदवारी जीतने वाली पहली महिला तो बन ही चुकी हैं.
ऑन्ग सान सू ची
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित सू ची म्यांमार में लोकतंत्र की प्रतीक हैं. देश के सैनिक शासकों ने उन्हें सालों तक नजरबंदी में रखा और आजाद होने के बाद भी उनके राष्ट्रपति बनने के राह में संवैधानिक बाधाएं खड़ी कीं. नवंबर 2015 में हुए चुनाव में वे स्टेट काउंसिलर चुनी गईं जो कि सरकार प्रमुख जैसा पद है. वे देश की विदेश मंत्री भी हैं. राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने अपने एक विश्वासपात्र को चुना.
एलन जॉनसन सरलीफ
लाइबेरिया की सरलीफ को "लौह महिला" कहा जाता है. 2005 में अफ्रीका की पहली चुनी हुई महिला राष्ट्रपति बन कर उन्होंने इतिहास रच दिया. नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकीं अर्थशास्त्री, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और वित्त मंत्री रहीं सरलीफ को 2011 में दुबारा राष्ट्रपति चुना गया.
मिशेल बाशले
पूरे लैटिन अमेरिका में केवल चिली ही ऐसा देश है जहां वर्तमान में एक महिला राष्ट्रपति है. विपक्षी दल की पूर्व नेता रह चुकी बाशले को ऑगुस्टो पिनोचेट के शासन काल में काफी यातनाएं दी गईं. वे पूरे लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में रक्षा मंत्री बनने वाली पहली महिला बनीं और फिर जनवरी 2006 से 2010 के बीच राष्ट्रपति भी. दिसंबर 2013 में उन्हें दुबारा राष्ट्रपति चुना गया.
क्रिस्टीन लेगार्ड
फ्रांस की वित्त मंत्री रह चुकी लेगार्ड 2011 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख बनने वाली पहली महिला बनीं. 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद के उस बेहद कठिन दौर में आईएमएफ को बेमिसाल नेतृत्व देने वाली लेगार्ड को लगातार दूसरी बार प्रमुख चुना गया है. पेशे से कानूनविद् लेगार्ड पहले कॉर्पोरेट लॉयर भी रह चुकी हैं.
जेनेट येलेन
2013 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख चुनी गईं येलेन से पहले केंद्रीय बैंक के इस पद पर केवल पुरुष ही रखे जाते थे. हार्वर्ड युनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुकी येलेन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मु्ख्य आर्थिक सलाहकार भी रह चुकी हैं.
आइरीना बोकोवा
बुल्गारिया की बोकोवा संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक शाखा यूनेस्को की प्रमुख बनने वाली पहली महिला हैं. 2009 में पहली बार यूनेस्को प्रमुख चुनी गईं बोकोवा को 2013 में दुबारा नियुक्त किया गया. पेशेवर राजनयिक बोकोवा ने लैंगिक बराबरी के लक्ष्य को यूनेस्को के केंद्र में रखा है. उन्हें संयुक्त राष्ट्र के अगले महासचिव के पद के लिए भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
मार्गरेट चान
मार्गरेट चान विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख हैं. हांगकांग के स्वास्थ्य विभाग को बर्ड फ्लू और सार्स जैसी महामारियों के दौरान सफल नेतृत्व देने वाली चान खुद भी पेशे से डॉक्टर रही हैं.