बगदाद से फलूजा के बीच दौड़ने लगी है रेल
इराक में इस्लामिक स्टेट के खात्मे के बाद कई इलाकों में जिंदगी को सामान्य बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. बगदाद से फलूजा के बीच अब रोज रेलगाड़ी दौड़ने लगी है.
बगदाद से फलूजा
सुन्नी चरमपंथियों का मजबूत गढ़ रहे पश्चिमी इराक के फलूजा से राजधानी बगदाद के लिए अब हर रोज एक रेलगाड़ी चलाई जा रही है. रेलसेवा पहले भी थी लेकिन इस्लामिक स्टेट के दौर में इसे बंद कर दिया गया था.
लैंड माइंस का खतरा
रेल के ड्राइवर और कंडक्टर को यह सुनिश्चित करना होता है कि जिन पटरियों पर वे रेलगाड़ी दौड़ा रहे हैं, वो इस्लामिक स्टेट के बिछाए बारूदी सुरंगों से मुक्त हैं. इतना ही नहीं, उन पुलों की भी मरम्मत कर ली गई है, जिन्हें इस्लामिक स्टेट ने 2014 में उड़ा दिया था.
चार साल की बंदी
लगभग चार साल बंद रहने के बाद यह रेल सेवा दोबारा चालू हुई है. सैकड़ों यात्री इसका फायदा उठा रहे हैं, दोनों शहरों के बीच रोज यात्रा करने वाले यात्रियों की तादाद हजारों में हैं. एक महिला ने कहा, "यह बहुत अच्छा है. अब मैं अपनी बेटी से मिलने रोज फलूजा जा सकती हूं."
फुरात नदी के किनारे फलूजा
फुरात नदी के किनारे बसे फलूजा शहर की जमीन कभी बेहद उपजाऊ हुआ करती थी. 2003 में अमेरिकी हमले के बाद से ही फलूजा धूल फांक रहा है. 2004 में यहां चार अमेरिकी नागरिकों की हत्या कर उनके शव पुल पर टांग दिए गए थे. तभी से यह शहर कुख्यात हो गया.
अर्थव्यवस्था खस्ताहाल
रेल से यात्रा करने वालों में कुछ बेरोजगार हैं, जिन्हें काम की तलाश है. नौकरी, बिजली, पानी की कमी के विरोध में यहां अकसर प्रदर्शन होता है. सुरक्षा की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है. हथियारबंद पुलिस ट्रेन में गश्त करती है.
सस्ता, तेज और सुरक्षित सफर
बगदाद से फलूजा की दूरी करीब 50 किलोमीटर है, जो ट्रेन से महज एक घंटे में पूरी हो जाती है. कार से जाने पर यही रास्ता कई घंटों का होता है. यात्रा के लिए एक तरफ से करीब ढाई डॉलर का टिकट लगता है, जो कार के मुकाबले काफी सस्ता है. इतना ही नहीं सड़क के मुकाबले यात्री इसे सुरक्षित भी बताते हैं.
सुधार की गुंजाइश
रेल विभाग ने सेवा तो शुरू कर दी है लेकिन इसकी हालत अभी बहुत अच्छी नहीं है. रेल की पटरियों पर फिलहाल 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार पर ट्रेन नहीं दौड़ाई जा सकती. ट्रेन की कई खिड़कियों के शीशे भी बच्चों ने पत्थर मार कर तोड़ दिए हैं.
फंड की कमी
रेलसेवा फिलहाल जैसे तैसे ही चल रही है और यात्रियों ने कई दिन ट्रेन के लेट चलने की भी शिकायत की. इराकी रिपब्लिक रेलवेज के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी को अपनी सेवाएं चलाते रहने के लिए धन की जरूरत है. फिलहाल उसे काफी घाटा हो रहा है.
बगदाद से इस्तांबुल
ब्रिटिश उपनिवेश और 1960 के दशक में बाथ पार्टी के दौर में इराकी रेल नेटवर्क का खूब विकास हुआ. एक समय था जब यह मोसुल होते हुए इस्तांबुल और सीरिया के अलेप्पो तक जाती थी. रेलवे अधिकारियों को उम्मीद है कि वे सीरिया की सीमा तक दोबारा रेल नेटवर्क बहाल कर सकेंगे.
आधी सदी से पुरानी रेल सेवा
इराक में रेल सेवा ओटोमन साम्राज्य के दौर से ही है. रेल सेवा को फिर से चालू कर सरकार यहां रोजमर्रा की जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिशों में तेजी लाना चाहती है. इसी योजना के तहत रेल सेवा को दोबारा चालू किया गया है.