भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दूसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को फटकार लगाई है. यह दुख की बात है कि सिब्बल ने उस रिपोर्ट को खारिज किया जिसमें टेलिकॉम घोटाले से हुए 176 अरब रुपयों के नुकसान की बात कही गई है.
सिब्बल को फटकार
जस्टिस जीएस सिंघवी और एके गांगुली ने कहा, "सिब्बल को जिम्मेदारी लेनी चाहिए...उनके बयानों से जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए." मामले को लेकर आपराधिक जांच हो रही है. अदालत ने जांच एजेंसी सीबीआई को आदेश दिए हैं कि वह किसी भी व्यक्ति के बयान को अनदेखा करते हुए अपनी जांच में आगे बढ़े. जजों ने कहा, "हमारा मानना है कि सीबीआई, जो 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही है, को अपना काम बयान पर ध्यान दिए बगैर करना चाहिए."
महालेखापरीक्षक यानी सीएजी के अनुमानों के मुताबिक पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा के समय में 2जी स्पेक्ट्रम के घोटाले
सरकार परेशान
से 1.76 लाख करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है. सीएजी के अनुमान बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने इसे 'पूरी तरह गलत और बेबुनियाद' कहा था.
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा और उसे उन कर चोरों के नामों का खुलासा करने की बात कही जिन्होंने विदेशी बैंकों में खाते खोले हैं.
अदालत के बयान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार पर और दबाव डाल दिया है. विपक्षी पार्टी बीजेपी का कहना है कि वह फरवरी में भी संसद को रोक कर रखेंगे. फरवरी में बजट अधिवेशन की भी शुरुआत होगी. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के अलावा मनमोहन सिंह की सरकार को कॉमनवेल्थ घोटाले और खाने पीने की चीजों के बढ़ते दामों से भी जूझना पड़ रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः एन रंजन