उम्मीदों के साथ लगभग तीन हफ्ते पहले शुरू हुई विमान के मलबे की तलाश मायूसी के साथ खत्म होती दिख रही है. तय इलाके के दो तिहाई हिस्से की खोज के बाद अब तक कुछ हाथ नहीं लगा है.
कम से कम 10 सैनिक विमान और 11 जहाज खोज अभियान में लगे हैं. मलेशियाई एयरलाइंस का यह विमान 8 मार्च को क्वालालंपुर से उड़ा, जिसके बाद से इसका कोई पता नहीं चल पाया है. वायु और जल में जबरदस्त तलाशी के बावजूद इसका कोई हिस्सा हाथ नहीं लगा है. ऑस्ट्रेलियाई और चीनी उपग्रह की तस्वीरों के बाद खोज का दायरा हिन्द महासागर के दुर्गम इलाके में तय किया गया और यहां कई हफ्तों से अलग अलग देशों की टीमें मिल कर तलाशी का काम कर रही हैं. इन्हें ब्लूफिन-21 नाम के उपकरण पर काफी भरोसा था, जो पानी के अंदर चलने वाली ऑटोमेटिक पनडुब्बी है.
संयुक्त जांच समन्वय केंद्र ने बयान जारी कर कहा है, "ब्लूफिन-21 ने तय जगह का लगभग दो तिहाई हिस्सा देख लिया है. अब तक ऐसी कोई चीज नहीं मिली है, जिससे कोई उम्मीद बंधे." इस उपकरण ने अब तक आठ मिशन पूरे किए हैं और यह 4500 मीटर की गहराई तक जा चुका है. अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी उपकरणों ने कुछ दिनों पहले इस जगह से संकेत हासिल किए थे कि कहां विमान का मलबा हो सकता है और अब तक की तलाश में यही सबसे प्रमुख खोज रही है. समझा जाता है कि विमान के ब्लैक बॉक्स की बैटरी अब खत्म हो चुकी होगी और उससे किसी तरह का संकेत अब मिलना संभव नहीं दिख रहा है.
ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी का कहना है कि खास उपकरणों के अलावा नंगी आंखों और दूरबीन से भी खोज और तलाशी का काम चल रहा है और अब तक करीब 50,000 वर्ग किलोमीटर इलाके में तलाशी की गई है. इस जगह का मौसम भी लगातार खराब होता जा रहा है, जिससे खोज के काम में और दुश्वारी आ रही है.
अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में वे तय करेंगे कि खोज को किस तरफ आगे बढ़ाया जाए. विमान में दो तिहाई यात्री चीन के थे.
एजेए/एएम (एएफपी)