भारत के हथकरघा उद्योग के बुनकरों की दयनीय दशा किसी से छुपी नहीं. लेकिन अब फैशन जगत के साथ आने से तस्वीर बदलती दिख रही है.
भेजें फेसबुक ट्विटर गूगल+ Whatsapp Tumblr Digg Technorati stumble reddit Newsvine
पर्मालिंक http://p.dw.com/p/2asy4
15 साल की रेशमी ने बेहतर जिंदगी की उम्मीद में म्यांमार के रखाइन प्रांत में अपना घर छोड़ा था. लेकिन भारत में आते ही उसे बेच दिया गया और लगभग अपने पिता की उम्र के व्यक्ति से शादी करा दी गई.
गाय दूध देती है. लेकिन वे फैशन में मदद दे सकती है, ये अब तक पता नहीं था. लेकिन अब फैशन के लिए उसके दूध का इस्तेमाल हो रहा है.
भारत के तेजी से बढ़ते शहरों में गरीबों, अल्पसंख्यकों की जगह कहां है. आसपास देखिये तो गंदे, बदबू भरे, कच्चे पक्के घरों का संसार नजर आएगा. कैसी बस्तियां बन रही हैं भारत के शहरों में जहां जाति और धर्म देख कर मकान मिलते हैं?
भारत में पहली बार दो दलित उम्मीदवारों के बीच राष्ट्रपति चुनाव हो रहा है. दलित बनाम दलित की इस लड़ाई के बारे में दलित क्या सोचते हैं. क्या चुनाव के बाद बनने वाले दलित राष्ट्रपति से दलितों को कोई उम्मीद है?