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निर्भया को याद करता भारत

१६ दिसम्बर २०१३

महिलाएं, छात्र, मानवाधिकार कार्यकर्ता, दिल्ली के लोग रेप कांड की बरसी पर मासूम लेकिन हिम्मतवर लड़की को याद कर रहे हैं, जिसके साथ 16 दिसंबर को चलती बस में बलात्कार हुआ. महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की मांग तेज हुई.

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Indien Jahrestag Gruppenvergewaltigung
तस्वीर: Reuters

दिल्ली के लोगों के गुस्से और विरोध का प्रतीक बने जंतर मंतर पर एक बार फिर महिलाओं का जमावड़ा लगा और उन्होंने महिला अधिकारों की बातें कीं. अलग अलग ग्रुपों ने वहां अपनी सभाएं कीं, जिनमें शामिल होने तड़के से ही लोगों का हुजूम पहुंचने लगा था. कई युवा महिलाओं ने लोगों से अपील की कि वे भारत को 'बलात्कार मुक्त' देश बनाने का प्रण करें.

सामने आए युवा

25 साल के छात्र अमर सिंह का कहना है, "हमें उस नजरिए को बदलना है, जिससे हमारा समाज औरतों को देखता है." वहां जमा महिलाओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिनमें से कुछ पर लिखा था, "मैं स्वतंत्र हूं और अपनी मर्जी की मालिक हूं". अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संगठन की केके शैलजा का कहना है, "किसी महिला को क्यों जान देनी पड़े या सिर्फ ऐसे मामलों में ही सुनवाई क्यों हो, जिसमें कोई हाई प्रोफाइल आदमी शामिल हो."

पिछले साल की घटना को याद करती कुछ तख्तियों में लिखा था, "निर्भया, हम तुम्हें नहीं भूलेंगे." 16 दिसंबर, 2012 को भारत की राजधानी दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की छात्रा से छह लोगों ने बलात्कार किया और उसके साथ बर्बर हिंसा की. यहां तक कि उसके जननांगों में लोहे की छड़ें डाल दी गईं. इस घटना से गुस्साए भारतीयों ने जम कर प्रदर्शन किया और सरकार से बलात्कार के मामले में सख्त से सख्त कानून बनाने की मांग की. दिल्ली के जंतर मंतर और दूसरे इलाकों में प्रदर्शनों के बाद सरकार ने कानून में बदलाव किया है.

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तस्वीर: Reuters

कैसी हो श्रद्धांजलि

दो हफ्ते बाद इलाज के बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इस लड़की ने दम तोड़ दिया. इस लड़की को निर्भया, दामिनी या अमानत जैसे नामों से याद करती है. इस मामले में दोषी करार दिए गए चार आरोपियों को मौत की सजा दी गई है, जबकि एक नाबालिग को तीन साल की सजा हुई है. मामले के प्रमुख आरोपी ने जेल में खुदकुशी कर ली.

निर्भया की मां ने भारत में एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा, "जिस तरह से लोगों ने एकजुटता दिखाई, लगा कि निर्भया सबकी बेटी थी. मैं आपसे गुजारिश करती हूं कि कभी भी 16 दिसंबर को मत भूलिएगा. जिस दिन सभी महिलाएं बिना डर के जीने लगेंगी, वह दिन निर्भया के लिए सच्ची श्रद्धांजलि का दिन होगा."

हालांकि परिवार वालों का कहना है कि उनका एक भी दिन याद और आंसू के बगैर नहीं बीता. निर्भया के छोटे भाई का कहना है, "बहुत अवसाद है. हम चाहते हैं कि सभी दोषियों को फांसी हो, नाबालिग को भी."

ज्यादा मामले

एमनेस्टी इंटरनेशनल की दिव्या अय्यरा का कहना है कि अब ज्यादा संख्या में महिलाएं मामले दर्ज कराने आगे आ रही हैं लेकिन उनका कहना है कि ज्यादातर मामले शहरों के हैं, "उस मामले के बाद महिलाओं में शक्ति आई है, ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. लेकिन आपको यह भी देखना होगा कि ऐसा कहां हो रहा है. खास तौर पर मिडिल क्लास महिलाएं ऐसा कर रही हैं."

लोकसभा की स्पीकर मीरा कुमार ने भी इस घटना को याद किया और कहा कि देश ने दिल्ली बलात्कार कांड के बाद एक अलग तरह का माहौल देखा और इसकी वजह से कानूनों को सख्त बनाया गया, "लेकिन पिछले एक साल में मुझे नहीं लगता है कि बहुत ज्यादा बदलाव आया है. हमें सभी स्तरों पर इस कानून को लागू करने की जरूरत है. और समाज को महिलाओं की सुरक्षा के लिए कदम बढ़ाना ही होगा."

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर तक दिल्ली में बलात्कार के 1,493 मामले दर्ज हुए, जो पिछले साल से दोगुने हैं.

एजेए/ओएसजे (डीपीए, एएफपी)

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