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थूकने से मालामाल, बीएमसी फिर भी परेशान

२५ मार्च २०१२

मुंबई में जहां तहां थूकती जनता से परेशान नगरपालिका ने लोगों को रोकने के लिए 200 रुपयों का जुर्माना लगाया है. नगरपालिका के खाते में पैसे तो बरस रहे हैं, लेकिन लोग पैसा देने के बाद भी थूक रहे हैं. परेशान है बीमएसी भी.

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तस्वीर: AP

छह महीनों में मुंबई नगरपालिका ने करीब दो करोड़ 23 लाख रुपए जुर्माना जमा कर लिया है जबकि अधिकारियों ने पहले से ही लोगों को यहां वहां थूकने के बारे में सचेत कर दिया था और इसे टीबी के फैलने की वजह भी बताई. 2011 में सिर्फ मुंबई में 9,000 लोग टीबी की वजह से मारे गए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों ने लगातार चेतावनी दी है कि टीबी थूकने की वजह से भी फैलता है. सरकार ने इसी वजह से थूकने पर 200 रुपयों का जुर्माना लगाया था, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है.

भारतीय अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मुंबई हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि "थूकना भारतीय लोगों की खास आदत है." लेकिन इसकी वजह से टीबी फैल रहा है. मुंबई नगरपालिका बीएमसी के जुर्माने के खिलाफ हाई कोर्ट में एक अर्जी का जवाब देते हुए अदालत ने यह कहा.

Flash-Galerie Bakterien
टीबी के बैक्टीरियातस्वीर: public domain

बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि सार्वजनिक जगहों पर थूकना मुंबई में सबसे ज्यादा होता है. इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर पेशाब करना और बर्तन धोना भी आम तौर पर देखा जा सकता है. हालांकि थूकने के मुकाबले यह केवल 30 फीसदी ही है. बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि कई बार लोग चलती बसों और अपनी गाड़ियों से बाहर थूकते हैं और ऐसे में लोगों को पकड़ना मुश्किल है.

सामाजिक कार्यकर्ता आरडी पोद्दार का कहना है कि लोग पान मसाला और तंबाकू भी चबाते हैं जिसके बाद थूकने से खुद को रोक पाना मुश्किल है. यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा भी है और सदियों से ऐसा होता आ रहा है. लेकिन अधिकारियों को अब टीबी के फैलने का खतरा नजर आ रहा है. टीबी किसी से गले लगने या मिलने से नहीं फैलता. यह खांसने और थूक से फैलता है जिस वजह से थूकने को लेकर सावधानी की जरूरत है.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः एन रंजन

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