वीडियो: जब महिला ने ट्रेन में स्तनपान कराया
११ जनवरी २०१६मां का बच्चे को दूध पिलाना बेहद रूढ़िवादी और संकीर्ण मानसिकता वाले समाज में भी स्वाभाविक माना जाता है. भारत में भी कम ही लोग इसे आपत्तिजनक मानते हैं. बहुत छोटे बच्चे को किसी भी समय भूख लग सकती है, ऐसे में अगर मां घर से बाहर है और साथ में फीडर नहीं है तो उसके पास स्तनपान ना कराने के कम ही विकल्प रह जाते हैं.
इंटरनेट पर इस तरह के प्रयोगों के वीडियो अक्सर डालने वाले ट्रोलस्टेशन ने इस वीडियो को 4 जनवरी 2016 को यूट्यूब पर अपलोड किया. एक हफ्ते के भीतर इसे 8.9 लाख बार देखा गया. वीडियो में आप देखेंगे कि एक महिला को ट्यूब में यात्रियों के बीच बच्चे को दूध पिलाता देख एक व्यक्ति कैसे भड़कने लगता है. और उसके बाद जो होता है वह गौर करने लायक है.
महिला को दूध पिलाते देख वह व्यक्ति बार बार दुहाई देता है कि वह उसे देख असहज महसूस कर रहा है इसलिए महिला को कोच बदल लेना चाहिए. वह कहता है कि वह आयरलैंड से है जहां इस तरह सामाजिक स्थलों पर बच्चे को दूध पिलाती महिलाएं कभी दिखतीं. हालांकि तुरंत ही उसी कोच में बैठे अन्य सहयात्री महिला के बचाव में उतर आते हैं.
इस सामाजिक प्रयोग में दिखाया गया बच्चा भी असली नहीं है. यात्री जब पुरुष को महिला से तकरार करते देखते हैं और उस व्यक्ति को सलाह देते हैं कि अगर वह सहज नहीं महसूस कर रहा तो उसे कोच बदल लेना चाहिए ना कि महिला को. यहां तक बात जब ज्यादा बढ़ती हुई दिखती है तो एक व्यक्ति उस पुरुष और महिला के बीच आकर बैठ जाता है.
एसएफ/आरआर (यूट्यूब)