पिछले कुछ महीनों से ऐसा लग रहा था कि चीन सरकार गाओ यू के मामले में फैसला लेने में देर कर रही है. दो बार फैसला स्थगित किया गया. चीनी अदालतों के मानदंड के अनुसार यह असामान्य था. अनौपचारिक बातचीत के दौरान एक जज ने कहा था, "राजनीतिक नेतृत्व ने अभी फैसला नहीं लिया है." आशावादी लोग इसे अच्छे संकेत के रूप में देखने लगे थे. वे उम्मीद लगा रहे थे कि फैसला उतना कठोर नहीं होगा जिसका उन्हें डर था. कोई कितना भी आशावादी क्यों ना हो, लेकिन रिहाई की उम्मीद कतई नहीं लगाई जा रही थी.
अप्रैल 2014 में 71 वर्षीय पत्रकार गाओ यू को बीजिंग पुलिस ने गिरफ्तार किया. उन पर सरकारी दस्तावेजों को लीक करने का आरोप था. लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी कि आखिर उन्होंने कौन से दस्तावेज लीक किए. जानकारों का मानना है कि जिस फाइल की बात हो रही है, वह संभवतः "डॉक्यूमेंट नंबर 9" हो सकता है. इस डॉक्यूमेंट में पश्चिमी सिद्धांतों पर चर्चा है जैसे कि सांसदीय लोकतंत्र या फिर मीडिया की स्वतंत्रता. इसमें बताया गया है कि कैसे ये सिद्धांत वामपंथी पार्टी के लिए खतरा बन सकते हैं. इस दस्तावेज की जानकारी पहले कुछ विदेशी वेबसाइटों और फिर चीनी वेबसाइटों पर भी छपी.
डॉयचे वेले के चीन विभाग के प्रमुख फिलिप बिल्स्की
अब फैसला आ गया है: गाओ यू को सात साल जेल में बिताने होंगे. अदालत ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्होंने "गैरकानूनी रूप से गोपनीय दस्तावेज विदेशियों को उपलब्ध कराए." गाओ के वकील का कहना है कि अदालत ने बचाव पक्ष की दलील को खारिज कर दिया. यह फैसला उन सब के लिए एक साफ संकेत है जो चीनी सरकार की आलोचना करते हैं.
कई महीनों से बीजिंग आलोचकों के साथ सख्ती बरत रहा है. इसका सबसे ताजा उदाहरण है उन पांच महिलाओं की गिरफ्तारी जो सार्वजनिक यातायात के दौरान महिलाओं के साथ हो रहे यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठा रही थीं. अपना विरोध दर्ज कराने वाली इन महिलाओं को जमानत पर छोड़ तो दिया गया लेकिन इनका मामला अब अदालत में चल रहा है. यह मामला इसलिए भी अजीब है क्योंकि वामपंथी पार्टी खुद को महिला अधिकारों के रक्षक के रूप में प्रस्तुत करना पसंद करती है. यानि सरकार के लिए बस एक ही बात जरूरी है कि किसी भी तरह के विरोध पर जल्द से जल्द काबू पा लिया जाए.
और भी कई उदाहरण हैं, जैसे की मानवधिकारों के लिए काम करने वाले पू झीनगियांग की गिरफ्तारी. मई 2014 में उन पर अशांति फैलाने के आरोप लगाए गए. वे कलाकार आई वाईवाई का समर्थन कर रहे थे. इसी तरह सितंबर में उइगुर विश्वविद्यालय के इलहाम तोहती के खिलाफ फैसला आया. वे चीन के शिनजिआंग जिले में अल्पसंख्यकों का नेतृत्व कर रहे थे. अब वे आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
गाओ यू के खिलाफ फैसला इस तस्वीर में फिट बैठता है. चीन सरकार हर उस विरोध को दबा देना चाहती है जो प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के चीन के सपने के आड़े आता हो. सरकार के आगे सवाल उठाने वाले लोगों के लिए चीन में जीना अब मुश्किल हो गया है.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
चूहा 鼠
साल 2008 चूहे का अंतिम साल था. तब रूस में इसकी लोकप्रियता के नए रिकार्ड बन गए. चीन के इस पड़ोसी देश में पालतू पशुओं की दुकानों से चूहे हाथों हाथ बिक गए. साल 2020 फिर होगा चूहों का साल.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
बैल 牛
दक्षिण कोरिया में बैल को लेकर एक मजेदार कहावत प्रचलित है. अगर कोई आपकी बात ना सुन रहा हो, तो कहते हैं, "पूरा बौद्ध ग्रंथ बैल के कान में पढ़ दिया."
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
बाघ 虎
प्राचीन चीन में बाघ को "पहाड़ों का राजा" माना जाता था, जो सभी दूसरे जानवरों पर राज करता था. कहानियां हैं कि जब बाघ 500 साल का हो जाता है तब वह सफेद रंग का हो जाता है. शायद इसीलिए आज भी कई लोग उन्हें मृतात्माओं का संरक्षक मानते हैं.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
खरगोश 兔
चीनी पौराणिक कथाओं में खरगोश को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है. प्राचीन काल में मान्यता थी कि खरगोश चंद्रमा पर रहते थे. एक कहानी तो ऐसी भी है कि खरगोश एक लड़की के रूप में घोड़े, बाघ या शेर पर सवार होकर चंद्रमा से बीजिंग में उतरा था, और महामारी से मर रही पूरी आबादी की जान बचाई थी.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
ड्रैगन 龍
एक समय पर ड्रैगन चीनी बादशाहों का प्रतीक हुआ करता था. चीनी राशि चक्र का यह एकलौता काल्पनिक पशु है, और इसे शाही सफलता और प्रसन्नता का चिन्ह मानते हैं.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
सांप 蛇
माना जाता है कि जिन लोगों का जन्म सांप के साल में हुआ, वे अच्छाई और महानता के रास्ते पर चलते हैं. जॉन एफ केनेडी, पाब्लो पिकासो, ऑड्री हेपबर्न जैसे लोग सांप के साल में जन्मे थे. इसके अलावा चीनी मान्यता है कि मानव की रचना नू वा ने की, जो कि आधी महिला और आधी सांप थीं.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
घोड़ा 馬
2014 घोड़े का साल था. इस साल चीन में बेबी बूम यानि खूब सारे बच्चों का जन्म दर्ज हुआ. चीन के कुछ हिस्सों में तो बीते साल इतने नवजात आए कि सरकारी दफ्तरों में जन्म के पंजीकरण वाले दस्तावेज कम पड़ गए.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
बकरी 羊
बकरी या भेड़ के साल में पैदा हुए बच्चों को बोरिंग और महात्वाकांक्षारहित माना जाता है. इस धारणा के चलते कई लोग इस साल में बच्चे पैदा नहीं करना चाहते. 2015 भी भेड़ का साल है.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
बंदर 猴
चीनी पौराणिक कथाओं में बंदर के कई प्रकार होते हैं. लंबे हाथों वाला प्राइमेट "शियाओ" या फिर पहाड़ों में पाया जाने वाला इंसानी शक्ल से मिलता जुलता और कपि जैसे शरीर वाला बंदर. यहां बंदरों के साथ कई दैवीय शक्तियों को जोड़कर भी देखा जाता है.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
कॉकेरेल 雞
चीन में सुबह सुबह देसी मुर्गे की बांग को ना केवल एक नई शुरुआत, बल्कि बुरी आत्माओं को दूर भगाने का प्रतीक भी मानते हैं. माना जाता है कि कॉकेरेल उसी दिन बना था जिस दिन स्वर्ग और धरती का निर्माण हुआ. इसके बाद आए कुत्ता, बकरी, सूअर, बैल और घोड़ा.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
कुत्ता 狗
आज जितनी भी फसलें हैं उनके लिए इंसान को कुत्तों का अहसानमंद होना चाहिए- ऐसी चीनी मान्यता है. दक्षिणी चीन में एक मिथक यह भी है कि एक समय पर कुत्ते की नौ पूंछें हुआ करती थीं. लेकिन आठ पूंछें स्वर्ग से इंसान के लिए बीज चुरा कर लाते समय देवों के साथ हुई लड़ाई में चली गईं.
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चीनी कैलेंडर के प्रतीकों के मायने
सूअर 豬
सूअर का चीनी मिथकों में खास स्थान है. शोधकर्ता मानते हैं कि चीनी ही वे पहले लोग थे, जिन्होंने पहली बार करीब 10,000 साल पहले जंगली सूअर को पालतू बनाया था. हान कुल में किसी की मृत्यु के बाद उसके शव के साथ मिट्टी के बने छोटे से सूअर, बैल, भेड़ और कुत्ते भी दफनाने की परंपरा था.
रिपोर्ट: क्लाउस एस्टरलुस/आरआर