आपका पसंदीदा क्रिकेटर क्रीज पर है और शानदार खेल दिखाते हुए अब शतक की ओर बढ़ रहा है. 90 का स्कोर पार करने पर आप सेंचुरी का जश्न मनाने के लिए तैयार होने लगते हैं कि तभी खिलाड़ी आउट. खिलाड़ी, उसकी टीम और खेल में दिलचस्पी रखने वाले सभी लोगों को निराशा तो होती ही है लेकिन वैज्ञानिक जानना जाहते हैं कि आखिर ऐसा होना इतना आम क्यों है. रिसर्चरों की मानें तो इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं.
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में स्थित क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चरों ने पाया है कि ऐसी परिस्थिति में क्रिकेटर "नर्वस नाइंटीज" के शिकार हो जाते हैं. जब भी आशंकाओं और सावधानी का मिलाजुला भाव इन्हें घेरता है, तो नर्वस नाइंटीज इनिंग्स में अपना असर दिखाने लगता है.
1971 से 2014 के बीच हुए एकदिवसीय क्रिकेट मैचों का विस्तृत विश्लेषण किया गया. रिसर्चरों ने पाया कि जब भी बैट्समैन किसी बड़े स्कोर के करीब पहुंचता है, तो वह उस निकटतम मैजिक नंबर तक पहुंचने तक अपनी स्ट्राइक रेट कम कर देता है. चाहे वह हाफ सेंचुरी हो या सेंचुरी, एक बार उस मैजिक नंबर तक पहुंच जाने के बाद बैट्समैन की स्ट्राइक रेट करीब 45 फीसदी बढ़ जाती है. इसके अलावा विश्लेषण में यह भी पता चला कि वह बड़ा स्कोर बनाने के बाद खिलाड़ियों के डिसमिसल रेट भी करीब दोगुने हो जाते हैं.
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में छपी इस स्टडी के बारे में बताते हुए क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की एक शाखा स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर लियोनेल पेज बताते हैं, "जाहिर है कि सभी खिलाड़ियों का एक ही साझा लक्ष्य होता है, वे है मैच जीतना. लेकिन बैट्समैन के नाम कई निजी उपलब्धियां भी होती हैं जिनका टीम पर काफी सामित प्रभाव पड़ता है." पेज बताते हैं कि टीम के लिए बैट्समैन के 99 से 100 तक जाने के बीच केवल एक रन का फासला होता है, जबकि खिलाड़ी के लिए वह बहुत बड़ी बात होती है. इसके पीछे का मनोवैज्ञानिक पहलू बेहद दिलचस्प है. 100 के पास पहुंचने की उम्मीद से बैट्समैन तनाव में आ जाते हैं. पेज कहते हैं, "शायद ये नर्वस नाइंटीज ही हैं, जिनके कारण बैट्समैन 100 के करीब पहुंचने पर तनावग्रस्त हो जाता है और जोखिम उठाना कम कर देता है."
आरआर/आईबी (एएफपी)
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वर्ल्ड कप के दावेदार
ऑस्ट्रेलिया
ज्यादातर क्रिकेट पंडित ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप 2015 का सबसे प्रबल दावेदार बता रहे हैं. टीम की गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग चुस्त है. घर में अपने फैन्स के सामने अपनी उछाल भरी पिचों पर खेलना कंगारू टीम को एक स्वाभाविक आत्मविश्वास देगा. ऑस्ट्रेलिया अब तक चार बार वर्ल्ड कप जीत चुका है.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
दक्षिण अफ्रीका
टीम की कमान एबी डिवीलियर्स जैसे विस्फोटक बल्लेबाज के हाथ में है. एबी के साथी हाशिम अमला, जेपी डुमिनी और डु प्लेसी भी बढ़िया फॉर्म में हैं. स्टेन, मोर्केल और फिलांडर की घातक तेज गेंदबाजी दूसरी टीम की पसीने छुड़ा सकती है. लेकिन शंका इस बात की है कि आखिर में अहम मौके पर दक्षिण अफ्रीका पोंक न जाए. टीम इसके लिए मशहूर है.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
न्यूजीलैंड
काली पोशाक में मैदान पर उतरने वाली कीवी टीम इस बार आराम से सेमीफाइनल तक पहुंचेगी, यह अनुमान क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का है. सचिन के मुताबिक न्यूजीलैंड की पूरी टीम बढ़िया ऑलराउंडरों का समूह है. कीवी टीम को घरेलू माहौल का भी लाभ मिलेगा.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
चौथा कौन?
सेमीफाइनल में पहुंचने वाली चौथी टीम कौन सी होगी, ज्यादातर जानकार यह अनुमान लगाने में गड़बड़ा रहे हैं. सेमीफाइनल तक पहुंचने के लिए भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड और श्रीलंका को कड़ी मेहनत करनी होगी.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
भारत
सचिन तेंदुलकर समेत कई लोग भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने वाली चौथी टीम मान रहे हैं. हालांकि सब लोग ये भी मान रहे हैं कि भारतीय टीम फिलहाल अपने बेहतरीन दौर में नहीं है. लेकिन इसके बावजूद वो छुपे रुस्तम की तरह है. कोहली, रहाणे, शर्मा, धोनी और जडेजा पर काफी दारोमदार होगा.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
कैप्टन कूल पर भरोसा
महेंद्र सिंह धोनी वर्ल्ड कप में मौजूद सबसे अनुभवी कप्तान हैं. बतौर कप्तान ये दूसरा वर्ल्ड कप है. सचिन कहते हैं, "धोनी कठिन से कठिन परिस्थितियों में शांत और सधे हुए रहते हैं और ऐसा कप्तान होना बहुत बड़ी ताकत है." खुद माही भी कह रहे हैं कि टूर्नामेंट शुरू होते ही टीम लय में लौट जाएगी.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
पाकिस्तान
इतिहास गवाह है कि जब जब पाकिस्तान की टीम को कमजोर आंका गया है तब तब उसने सबको चौंकाया है. टीम नए और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण है. हालांकि कभी गेंदबाजी के लिए विख्यात रहने वाली पाकिस्तानी टीम इस वक्त बॉलिंग में कमजोर दिखती है.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
चौंकाने वाले
हर खेल आयोजन में कुछ टीमें ऐसी होती हैं जिन्हें जीत का दावेदार नहीं माना जाता, लेकिन ये दूसरों का खेल बिगाड़ देती हैं. इस वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड और श्रीलंका भी कुछ दावेदारों को पल में पटखनी दे सकती हैं.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
जबरदस्त मुकाबला
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की उछाल भरी पिचों पर बल्लेबाजी का इम्तिहान देखना जबरदस्त अनुभव होगा. ग्रुप स्टेज के मैचों के बाद साफ होने लगेगा कि 29 मार्च को मेलबर्न में फाइनल खेलने कौन कौन सी टीमें उतरेंगी.
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वर्ल्ड कप के दावेदार
कुछ रोचक रिकॉर्ड
इस वर्ल्ड कप के कुछ मैच खेलों के इतिहास में सबसे ज्यादा देखे गए मैच बन सकते हैं. 2011 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला 98.8 करोड़ लोगों ने टीवी पर देखा. खेलों के इतिहास में यह रिकॉर्ड है.
रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी