1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कोहिनूर नहीं लौटाएगा ब्रिटेन

२१ फ़रवरी २०१३

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन सफाई से भारत का दौरा कर गए. बीमार अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए उन्होंने भारतीयों को खूब वीजा का वादा किया. जलियांवाला बाग कांड पर अफसोस जताया और अंत में कोहिनूर की हिफाजत भी कर गए.

https://p.dw.com/p/17ifk
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कैमरन को पता होगा कि भारत के दौरे पर कोहिनूर का मुद्दा उठ सकता है. शायद उन्होंने इसकी तैयारी भी कर रखी होगी. अमृतसर में जब उनसे कोहिनूर लौटाने को कहा गया, तो उस सवाल से बचने की जगह उन्होंने जवाब दिया कि यह तो अब ब्रिटेन का है, "मुझे नहीं लगता है कि यह सही रास्ता होगा. मैं वापस करने में विश्वास नहीं रखता और समझता हूं कि यह समझदारी भरा फैसला हो सकता है."

जलियांवाला बाग घटना की ही तरह कोहिनूर हीरा भी भारतीयों के लिए बेहद भावनात्मक मुद्दा है, जो सीधे तौर पर ब्रिटिश उपनिवेशवाद से जुड़ा है. ऐसे मुद्दों से आम तौर पर ब्रिटेन के राजघराने और राष्ट्राध्यक्ष बचना चाहते हैं. लेकिन कैमरन ने इनका सामना करने का फैसला किया.

कैमरन ने बुधवार को अमृतसर के जलियांवाला बाग का दौरा किया था. उसे शर्मनाक बताया था लेकिन माफी नहीं मांगी थी. भारत जब आजादी के 50 साल मना रहा था, तो महारानी एलिजाबेथ भी वहां गई थीं और उन्होंने भी माफी नहीं मांगी थी. जब 1919 में जलियांवाला बाग कांड हुआ था, तो भारत पर ब्रिटेन के राजघराने का कब्जा था और इसकी जिम्मेदारी ब्रिटिश राजनीति से कहीं ज्यादा राजघराने पर बनती है.

Indien Goldener Tempel Amritsar
तस्वीर: Getty Images

रानी का हीरा

ब्रिटेन भले ही लोकतांत्रिक राजशाही है लेकिन राजघराना अब भी सबसे ताकतवर परिवार माना जाता है और किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के लिए शाही परिवार की सोच से अलग जाना संभव नहीं है. ऐसे में तय है कि कैमरन ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जो ब्रिटिश राजघराने को नागवार गुजरे. यह बात जितनी जलियांवाला बाग पर लागू होती है, उतनी ही की कोहिनूर हीरे पर भी. एलिजाबेथ द्वितीय के भारत दौरे में भी उनसे कोहिनूर मांगा गया था, उन्होंने भी मना कर दिया था.

हालांकि कैमरन ने अपने बयान को नरम बनाने की पूरी कोशिश की है, "सही जवाब यह है कि ब्रिटिश म्यूजियम और दूसरे सांस्कृतिक संस्थान ठीक वैसा ही करते हैं, जैसा दुनिया के दूसरे संस्थान ताकि चीजों की सही हिफाजत हो सके और इन्हें दुनिया भर के लोगों से साझा किया जा सके."

कोहिनूर हीरा लंदन में टेम्स नदी के किनारे बने लंदन टावर म्यूजियम में है. जिस जगह पर दुनिया का यह सबसे बड़ा हीरा रखा है, उसे दूसरी जगहों से ज्यादा सुरक्षा दी गई है. भले ही यह म्यूजियम में रखा हो लेकिन यह अभी भी ब्रिटिश राजघराने की संपत्ति है और अगर केट मिडिलटन रानी बनेंगी, तो आधिकारिक मौकों पर वह कोहिनूर जड़ा ताज पहना करेंगी.

क्या है कोहिनूर

शीशे की तरह साफ कोहिनूर हीरा आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के आस पास एक खान में मिला था. इसका शाब्दिक अर्थ है रोशनी का पहाड़. कहते हैं कि इसका एक जोड़ीदार हीरा भी हुआ करता था, दरिया-ए-नूर, जो अब ईरान में है. 105 कैरेट और लगभग 21 ग्राम के कोहिनूर का जिक्र कोई 1000 साल से होता आया है लेकिन पहली बार पक्की जानकारी मुगल शासक बाबर की किताब बाबरनामा में है. बाबर ने लिखा है कि किस तरह ग्वालियर के एक राजा के पास से यह खिलजी वंश के शासकों और बाद में मुगल शासकों तक पहुंचा.

David Cameron zu Besuch in Indien
तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन से पहले इसे फारस के हमलावर नादिरशाह ने भी लूटा था लेकिन बाद में यह भारत पहुंच गया. 1850 में गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी ने इसे महारानी विक्टोरिया को भेंट कर दिया. तब से यह ब्रिटेन में है. महात्मा गांधी के पोतों और दूसरे भारतीयों ने कई बार इसे वापस करने की मांग की है, जिसे ठुकरा दिया गया.

कब्जे में विरासत

मध्यकाल और उससे पहले भारत के पास बेतहाशा खजाना हुआ करता था, जो विदेशी आक्रमणों और उपनिवेश काल में लुट गया. कोहिनूर की ही तरह टीपू सुल्तान की तलावर भी ब्रिटेन पहुंच गई थी. लगभग 200 साल बाद भारतीय कारोबारी विजय माल्या ने भारी भरकम कीमत में एक नीलामी में इसे लंदन से खरीदा और भारत को वापस पहुंचाया.

कैमरन का दौरा

भारत के साथ बिजनेस डील करने पहुंचे कैमरन के लिए यह दौरा पिछली बार से अलग रहा. खुल कर बाजारवाद और पूंजी निवेश की बात करने वाले कैमरन ने भारत के अपने पहले दौरे में वाहवाही लूटी थी. लेकिन तब वह अमृतसर नहीं गए थे.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ (एएफपी, रॉयटर्स)

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी