एशिया के कई हिस्सों में पीने के पानी और चावल में आर्सेनिक पाया जाता है. खासकर बांग्लादेश और भारत के लाखों लोगों में यह खतरनाक मात्रा में पहुंच रहा है. डॉयचे वेले की खास रिपोर्ट.
मानसून की बाढ़ से दक्षिण एशिया में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. बाढ़ के कारण बीमारी, भूख और डूबने से और सैकड़ों लोगों की जान जाने का अंदेशा है. अब तक 400 से अधिक लोगों की जान गई है जिसमें 239 भारत के हैं.
भारत में पेय जल का संकट लगातार गंभीर होता जा रहा है. अब एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पानी की खपत की मौजूदा दर जारी रही तो वर्ष 2040 तक देश में पीने का पानी ही नहीं बचेगा.
दुनिया में भुखमरी बढ़ रही है. और भूखे लोगों की करीब 23 फीसदी आबादी भारत में रहती है. भूमंडलीय भुखमरी पर यूएन की ताजा रिपोर्ट में यह बताया गया है. 2030 तक भुखमरी मिटाने का अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य भी खतरे में पड़ गया है.