तुर्की राष्ट्रपति एर्दोवान ने कहा कि पश्चिमी देश सीरिया में वायदों को तोड़ रहे हैं और आतंकी गुटों का समर्थन कर रहे हैं. इस साल अगस्त में अंकारा समर्थक विद्रोहियों की मदद के लिए शुरू की गई तुर्क सेना की कार्रवाई के बाद से 37 तुर्क सैनिकों की मौत हुई है. तुर्क सेना आईएस जिहादियों के हाथ से अल बाब शहर को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसका कहना है कि कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई में उसे अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन नहीं मिल रहा है. एर्दोवान ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कहा, "गठबंधन की सेनाएं दुर्भाग्य से अपना वायदा नहीं निभा रही हैं." उन्होंने कहा कि तुर्की सीरिया में सैनिक कार्रवाई जारी रखेगा.
तुर्की की सीमा से 25 किलोमीटर अंदर स्थित अल बाब शहर को नियंत्रण में लेने के अभियान में तुर्क सेना को भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है. एर्दोवान की शिकायत है कि तुर्की की मदद करने के बदले उसके नाटो के साथी कुर्द संगठन वाईपीजी और पीवाईडी के अलावा आईएस के लड़ाकों की मदद कर रहे हैं. कुर्द संगठन सीरिया में अमेरिका के साथ सहयोग कर रहे हैं. एर्दोवान ने साफ साफ कहा, "वे आतंकी गुटों को समर्थन दे रहे हैं, वाईपीजी, पीवाईडी और दाएश को भी." दाएश नाम अरबी में आईएस के लिए इस्तेमाल किया जाता है. एर्दोवान ने कहा कि तुर्की तस्वीरों और वीडियो में इसके सबूत दे सकता है.
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
तुर्की, 66%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
इस्राएल, 51%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
फ्रांस, 44%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
भारत, 43%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
सऊदी अरब, 40%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
जर्मनी, 34%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
अमेरिका, 33%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
बेल्जियम, 29%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
ब्रिटेन, 24%
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आतंकवाद से सबसे ज्यादा कौन डरा है
ऑस्ट्रेलिया, 21%
रिपोर्ट: विवेक कुमार
तुर्की के राष्ट्रपति ने ऐसा ही दावा पिछले साल नवंबर में अपने पाकिस्तान के दौरे पर किया था और कहा था कि "पश्चिमी देश इस समय दाएश के साथ खड़े हैं" और उसके हथियार पश्चिम में बने हैं. अल बाब पर कब्जे के अभियान में जीत का भरोसा जताते हुए तुर्क नेता ने कहा कि "अब हमने दाएश को अल बाब में चारों तरफ से घेर लिया है, हां हमारे सैनिक शहीद हुए हैं, लेकिन अब कोई वापसी नहीं होगी."
एर्दोवान ने कहा कि तुर्की रूस के साथ मिलकर सीरिया में विवाद में लिप्त पक्षों को कजाख राजधानी में होने वाली शांति वार्ता में एक मेज पर लाएगा. उन्होंने कहा कि आतंकी गुटों को वार्ता में शामिल नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन तुर्की सऊदी अरब और कतर की हिस्सेदारी देखना चाहता है. रूसी विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि संभावित शांति वार्ता से पहले सीरिया की सरकार विपक्ष के साथ परामर्श कर रही है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सीरिया में आतंकी गुटों के समर्थन के तुर्क राष्ट्रपति के आरोपों को हास्यास्पद बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा है कि इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है.
एमजे/आरपी (एएफपी, रॉयटर्स)
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
कल्पना का घोड़ा: ट्रोजन हॉर्स
ट्रॉय के पुरातात्विक स्थल के प्रवेश द्वार पर रखी लकड़ी के घोड़े की एक शानदार प्रतिकृति. तुर्की के कुछ पुरातत्व विज्ञानियों ने दावा किया था कि उन्हें ऐतिहासिक ट्रॉय शहर में खुदाई के दौरान बड़ी लकड़ी की संरचना मिली जो ट्रोजन हॉर्स हो सकता है. कई इतिहासकार इसे केवल एक मिथक का हिस्सा मानते हैं.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
दो विश्व अजूबे
दुनिया के 7 प्राचीन अजूबों में शामिल इफेसस और हेलिकार्नासुस तुर्की में ही हैं. माना जाता है कि इफेसस के दक्षिण में स्थित एक घर में खुद वर्जिन मेरी रही थीं. प्राचीन शहर हेलिकार्नासुस में राजा मुसोलस का मकबरा विश्व अजूबा माना गया.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
असली सांता क्लॉज
दुनिया भर में सांता क्लॉज के नाम से मशहूर संत का असली नाम सेंट निकोलस था. उनका जन्म तुर्की के पटारा में हुआ माना जाता है. बाद में वे तुर्की में भूमध्यसागर के तट पर बसे शहर डेमरी के बिशप बने.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
दो महाद्वीपों की कड़ी
दुनिया भर में केवल इस्तांबुल ही एक ऐसा शहर है जो दो महाद्वीपों में बसा है. वैसे तुर्की का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा ही यूरोप में और बाकी एशिया में है. 2010 में यूरोपीय संघ ने इस्तांबुल को यूरोपियन कैपिटल ऑफ कल्चर घोषित किया था.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
नीदरलैंड्स के नहीं थे ट्यूलिप
इतिहासकारों ने पाया है कि 16वीं सदी में तुर्की के व्यापारियों ने ही सबसे पहले डच लोगों को ट्यूलिप के फूलों से परिचित करवाया. आधुनिक समय में ट्यूलिप का पर्याय बन चुके नीदरलैंड्स के मशहूर कोएकेनहोफ बागीचे में ईरान, तुर्की, बुल्गारिया के ट्यूलिप पहली बार 1954 में बोए गए.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
कॉफी का यूरोप से परिचय
15वीं सदी में तुर्की के रास्ते ही यूरोप में कॉफी आई. तुर्की के तत्कालीन ओटोमन साम्राज्य ने सबसे पहले कॉफी के बीजों से इतावली लोगों को परिचित कराया. फिर इटली से इसकी लोकप्रियता दूसरे यूरोपीय देशों में फैली.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
हेजलनट का दबदबा
आज तमाम चॉकलेट, केक और मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाले मेवे हेजलनट का करीब 80 फीसदी केवल तुर्की से ही निर्यात होता है. मेवों से बनने वाली बकलावा जैसी कई तुर्क मिठाइयां आज विश्व भर में पसंद की जाती हैं.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
नाम के अनुरूप- ग्रैंड
इस मशहूर बाजार में 64 गलियां, करीब 4,000 दुकाने और 25,000 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं. ग्रैंड बाजार दुनिया के सबसे विशाल और सबसे पुराने ढके हुए बाजारों में एक है. हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक इन बाजारों का रूख करते हैं.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक
तुर्की मुस्लिम बहुल होकर भी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर चलता है. 1923 में आजादी की लड़ाई के बाद से यह रिपब्लिक ऑफ तुर्की बना और साथ ही देश में इन सेकुलर और डेमोक्रेटिक प्रक्रियाएं लागू हुईं.
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तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
महिला अधिकारों में अव्वल
जून 2015 में 25वें आम चुनावों में अपना वोट देती तुर्क महिला. 1750 ईसा पूर्व से 1190 के बीच तुर्की में प्रभावशाली हितितीज ने शासन किया, जो महिला और पुरुष अधिकारों में समानता के पक्षधर थे. आधुनिक काल में भी, अमेरिका या किसी भी यूरोपीय देश से पहले तुर्की में ही महिलाओं को मत का अधिकार मिला था.
रिपोर्ट: ऋतिका राय