जर्मनी की संघीय पुलिस ने 14 राज्यों में यह अभियान छेड़ा है. फेसबुक, ट्विटर या ब्लॉग के जरिए इंटरनेट पर नफरत फैलाने वाले 60 संदिग्ध जांच के दायरे में आए हैं. पुलिस ने दर्जनों जगहों पर छापे मारे हैं. अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने संदिग्धों के कंप्यूटर, स्मार्टफोन और कैमरे सीज किये हैं. यह पहला मौका है जब जर्मनी में ऑनलाइन नफरत फैलाने वालों के खिलाफ संघीय और प्रांतीय पुलिस ने मिलकर ऐसा अभियान छेड़ा है.
खास ध्यान जर्मनी के समृद्ध राज्य बवेरिया पर दिया जा रहा है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक वहां एक फेसबुक ग्रुप सीक्रेट ढंग से नाजी विचारधारा नेशनल सोशलिज्म को बढ़ावा दे रहा है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से ही जर्मनी में नेशनल सोशलिज्म पर प्रतिबंध है. इसका इस्तेमाल नाजी तानाशाह हिटलर ने किया था. पुलिस के मुताबिक बवेरिया में एक्टिव इस ग्रुप ने दूसरों के साथ मिलकर उग्र दक्षिणपंथी विचारधारा फैलायी. उन पर यहूदियों और दूसरे समुदायों के प्रति घृणा फैलाने का आरोप भी है.
होल्गर मुइंच
जर्मनी की संघीय पुलिस बीकेए के प्रमुख होल्गर मुइंच के मुताबिक सरकार भी इंटरनेट पर फैलती घृणा को रोकना चाहती है. मुइंच ने कहा कि शरणार्थी संकट के बाद से जर्मनी में दूसरे समुदाय के प्रति नफरत के चलते किये जाने वाले अपराध बढ़े हैं. पुलिस प्रमुख ने कहा, "हमें नफरत भरी स्पीच के प्रसार को खत्म करना होगा और ऐसा करने वालों को बिना रियायत के कानून के दायरे में लाना होगा."
दिसंबर 2015 में जर्मनी की संघीय और प्रांतीय सरकारों ने इंटरनेट पर फैलती नफरत से लड़ने के लिये टास्कफोर्स बनाया. जर्मनी के आंतरिक मंत्री थोमस दे मेजियर ने एक बार फिर साफ किया है, "हिंसा, चाहे वह मौखिक हिंसा हो या किसी और रूप में, उसे बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा."
दे मेजियर ने साफ किया है कि नफरत भरी बातें करने के खिलाफ बना जर्मन कानूनी इंटरनेट पर भी लागू होता है. न्याय मंत्री हाइको मास ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसे प्रमुख इंटरनेट कंपनियों से भी सहयोग की उम्मीद जताई है.
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ऐसे होते हैं जर्मन
गिफ्ट
कोई जर्मन जब किसी के घर जाता है तो गिफ्ट जरूर लेकर जाता है. लेकिन यह खाने की चीज नहीं हो सकती क्योंकि खाने की चीज तभी ले जानी है जब मेजबान लाने को कहे. फूल या वाइन की बोतल हो सकती है. लेकिन फूलों में गुलाब नहीं. वे किसी खास को ही दिए जाते हैं.
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ऐसे होते हैं जर्मन
नमस्ते
जर्मन लोग वक्त के हिसाब से ही नमस्ते करते हैं. मतलब सिर्फ नमस्ते से काम नहीं चलेगा. सुबह होगी तो गूटन मॉर्गन यानी गुड मॉर्निंग. दिन में गुटन टाग यानी गुड डे और शाम को गुटन आबंड यानी गुड ईवनिंग. विदा लेने पर आउफ वीडरजेन यानी फिर मिलेंगे. दोस्तों को च्युस यानी बाय बोल सकते हैं.
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ऐसे होते हैं जर्मन
हाथ मिलाना
पहली बार मिलने पर ज्यादातर जर्मन हाथ मिलाते हैं. लेकिन जरूरी बात है आंखों में देखना. हाथ मिलाते वक्त आपको सामने वाले की आंखों में देखना होता है. किसी जानकार से मिलने पर वे गले मिलते हैं और पीठ सहलाते हैं.
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ऐसे होते हैं जर्मन
मेज पर हाथ नहीं
खाने के दौरान मेज पर दोनों हाथ रखने या एक हाथ गोद में रख लेने को कुछ जर्मन लोग विनम्रता नहीं मानते. बेहतर होगा कि कलाइयां टेबल पर रखी जाएं.
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ऐसे होते हैं जर्मन
चियर्स
अगर आप ड्रिंक के लिए चियर्स करते हैं तो यूं ही गिलास नहीं टकराए जाते. आंखों में आंखें डालकर चियर्स किया जाता है. अगर कोई जर्मन चियर्स कहेगा तो वह इंतजार करेगा कि आप उसकी आंखों में देखें. कहतें हैं कि ऐसा न करने पर आपकी सेक्स लाइफ पर बुरा असर पड़ता है. जाम टकराने के बाद बिना घूंट लिए ग्लास को टेबल पर नहीं रख सकते.
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ऐसे होते हैं जर्मन
खाने से पहले
खाने के लिए सबके मेज पर आ जाने का इंतजार तो आमतौर पर किया ही जाता है. लेकिन जर्मनी में जब सब लोग साथ खाना खा रहे हों तो मेजबान के गूटन आपटीट कहने का इंतजार किया जाता है. गूटन यानी गुड और आपटीट यानी भूख. लेकिन इसका भाव है कि एंजॉय कीजिए.
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ऐसे होते हैं जर्मन
देर पसंद नहीं
जर्मन लोगों को देर से आना पसंद नहीं. आमतौर पर वे वक्त के बहुत पाबंद होते हैं. कुछ मिनटों की देरी भी सामने वाले को बहुत खराब लग सकती है. बल्कि अगर किसी से अपॉइंटमेंट हो तो दस मिनट पहले ही पहुंच जाते हैं.
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ऐसे होते हैं जर्मन
पीना-पिलाना
बियर और वाइन जर्मन भोजन का हिस्सा हैं. जब भी लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं तो वाइन या बियर परोसी ही जाती है. लेकिन जरूरी नहीं है कि आप पिएं हीं. लोग मना कर सकते हैं.
रिपोर्ट: एमएल/वीके