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हो रही है राष्ट्रपति के उम्मीदवारों पर बहस

३ जून २०१०

जर्मनी में राष्ट्रपति हॉर्स्ट कोएलर के अचानक इस्तीफ़े के बाद उम्मीदवारों पर बहस शुरू हो गई है. सत्ताधारी मोर्चे में श्रम मंत्री उर्सुला फॉन डेअ लाएन और बुंडेसटाग के अध्यक्ष नॉर्बर्ट लामर्ट के नामों पर बहस हो रही है.

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राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार लामर्ट, शॉएबले व उर्सुला फ़ॉन डेर लायेनतस्वीर: picture alliance / dpa / AP / DW Montage

पहली बार किसी जर्मन राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के बीच में इस्तीफ़ा दिया है. हॉर्स्ट कोएलर के इस्तीफ़े ने सत्ताधारी मोर्चे को मुश्किल में डाल दिया है. उसे 30 दिनों के अंदर होने वाले चुनाव के लिए राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार मनोनीत करना है. राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले इलेक्ट्रोरल कॉलेज संघीय सभा का अधिवेशन बुंडेसटाग के अध्यक्ष नॉर्बर्ट लामर्ट ने 30 जून को बुलाया है.

राष्ट्रपति के इस्तीफ़े के तुरंत बाद ही उम्मीदवार के चुनाव के लिए विचार शुरू हो गया है. चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी सीडीयू-सीएसयू के संसदीय दल के नेता फ़ोल्कर काउडर ने आरंभिक मंत्रणा के बाद कहा, "हम आने वाले दिनों में सक्रिय राजनीति से एक सुयोग्य व्यक्तित्व को खोजेंगे. हमें लगता है कि हमें राजनीतिक अनुभव वाले व्यक्ति की ज़रूरत है."

राष्ट्रपति कोएलर के इस्तीफ़े के बारे में एक राय यह भी है कि वे आलोचना के दबाव को बर्दाश्त नहीं कर पाए. राजनीतिक प्रतिष्ठान से निकट नाता रखने वाले लोगों का मानना है कि राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव वाला व्यक्ति इस तरह की आलोचना को सह सकता था, जिसके सामने कोएलर ने घुटने टेक दिए. वे अर्थशास्त्री हैं, जर्मन बचत बैंकों के संगठन के प्रमुख रहे हैं और बाद में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ के प्रमुख भी रहे हैं. लेकिन जनता के बीच लोकप्रिय होने के बावजूद राजनीतिक बर्लिन में वे अपने को अकेला महसूस करते थे.

जिन लोगों का नाम राष्ट्रपति के लिए गंभीर चर्चा में है उनमें श्रम मंत्री ऊर्सुला फॉन डेअ लाएन भी हैं. अनुदारवादियों के बीच वे आधुनिक मानी जाती हैं और सबसे बढ़कर अपनी बात मनवाने में सक्षम. अपनी संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मुंह बंद रखने का इशारा किया.

जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग के अध्यक्ष नॉर्बर्ट लामर्ट का नाम भी चर्चा में है. वे काबिल हैं और विपक्षी कतारों में भी उनका सम्मान किया जाता है. लेकिन वे भी अपना नाम मैदान में उछालने को तैयार नहीं. कहते हैं, "मैंने अभी अभी इशारा किया है कि मैं संघीय सभा में उसी हैसियत से भाग लूंगा जिस हैसियत में हूं."

विपक्षी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी राष्ट्रपति के चुनाव में अपना हिस्सा चाहती है. वह चाहती है कि उससे भी उम्मीदवार के बारे में राय मशविरा किया जाए. पार्टी की महासचिव कहती हैं, "हम चाहते हैं कि चांसलर हमारे पास आएं और हमसे बात करें."एसपीडी ने ऐसा नहीं होने पर स्वयं अपना उम्मीदवार खड़ा करने की धमकी दी है.

राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले इलेक्ट्रोरल कॉलेज यानी संघीय सभा में सत्ताधारी मोर्चे को बहुमत प्राप्त है. चांसलर को ऐसे उम्मीदवार का चुनाव करना होगा जिसे सत्ताधारी पार्टियों का तो मत मिले ही, विपक्षी कैंप का भी कुछ मत मिल जाए. फिर जीत सुनिश्चित होगी. चांसलर मैर्केल इसे एक संभावना मानती हैं और कहती हैं कि वे अपना उम्मीदवार तय होने के बाद भी दूसरी पार्टियों से चर्चा करेंगी.

देश के सबसे बड़े प्रांत नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया में हुए चुनावों में बहुमत खोने के बाद सत्ताधारी मोर्चे ने सदन के उपरी सदन में बहुमत खो दिया है. सीडीयू पार्टी के अंदर असंतोष है, रूढ़िवादी धड़ा अपने को अलग थलग महसूस कर रहा है, पार्टी के लोकप्रिय और प्रभावशाली मुख्यमंत्री रोलांड कॉख़ ने राजनीति से संन्यास लेने का फ़ैसला किया है. राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के चुनाव के साथ चांसलर अंगेला मैर्केल को एक तीर से कई शिकार कर सकती हैं, एसपीडी से दोस्ती के साथ साथ पार्टी के असंतुष्टों को खुश करने तक. कोएलर के अचानक इस्तीफ़े ने मैर्केल को मुश्किल में तो डाला है लेकिन संभावनाएं भी दी हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल