हैती में हैजे पर दंगे, यूएन मिशन निशाने पर
१६ नवम्बर २०१०हैती में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने सोमवार देर रात एक बयान जारी कर प्रदर्शन को वहां होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से जोड़ा है और लोगों से कहा है कि वे स्थिरता और लोकतंत्र के दुश्मनों के हाथ इस्तेमाल न हों.
संयुक्त राष्ट्र के बयान में कहा गया है, "जिस तरह से घटनाएं घटी हैं वे इस ओर संकेत करती हैं कि वे राजनीति प्रेरित हैं जिनका मकसद चुनाव से पहले असुरक्षा का माहौल बनाना है."
पथराव करते प्रदर्शनकारियों और शांति सैनिकों के बीच विवाद देश के दूसरे सबसे बड़े शहर केप हैतियेन और हिंचे में भड़का जहां क्रुद्ध भीड़ ने संयुक्त राष्ट्र पर हैजा फैलाने के आरोप लगाए. केप हैतियेन में डॉक्टरों और पुलिस का कहना है कि करीब दर्जन भर लोगों को इलाज किया जा रहा है जो गोली लगने से घायल हुए हैं. कुछ घायलों की हालत गंभीर है.
एक 20 वर्षीय व्यक्ति केर हैतियेन के संयुक्त राष्ट्र कैंप के बाहर प्रदर्शनकारियों और शांति सैनिकों की झड़प के दौरान मारा गया. शांति सैनिकों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
संयुक्त राष्ट्र मिशन के एक प्रवक्ता विसेंसो पुगलिजे ने कहा, "एक प्रदर्शनकारी के पास हथियार था, उसने एक सैनिक पर गोली चलाई, जिसने वैध आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की."
एक स्थानीय अधिकारी बिंप्स नोएल ने कहा कि शांति सैनिकों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए पहले गोली चलाई. पुलिस सूत्रों के अनुसार दूसरा व्यक्ति केप हैतियेन में झगड़ों के दौरान मारा गया.
तोड़ फोड़ कर रहे प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन और वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी. स्थिति मंगलवार सुबह भी गंभीर बनी हुई है. पुलिस सूत्रों ने कहा है कि शहर से छिटपुट गोलियां चलने की आवाज आ रही है.
प्रदर्शनकारियों के गुस्से का निशाना यूएन शांति मिशन है. अक्टूबर में हैजा शुरू होने से ठीक पहले आए नेपाली शांति सैनिकों के जत्थे को हैजे का कारण होने का आरोप लगाया जा रहा है. अब तक करीब 900 लोग मारे गए हैं जबकि 15,000 लोग हैजे से पीड़ित हैं.
संयुक्त राष्ट्र मिशन ने शांति और सुरक्षा बहाल करने में हैती की राष्ट्रीय पुलिस की मदद का आश्वासन दिया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए कुमार