1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"हेडली आईएसआई का जासूस था"

२ जनवरी २०११

मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों की साजिश करने वाला डेविड कोलमैन हेडली दरअसल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का जासूस था और संभव है कि इसके प्रमुख पाशा को साजिश की जानकारी पहले से थी. खोजी रिपोर्ट का दावा.

https://p.dw.com/p/zsFD
तस्वीर: AP

अमेरिका के खोजी पत्रकार सेबेस्टियन रोटेला ने प्रोपब्लिका डॉट कॉम में लिखा है, "अमेरिका और भारत के अधिकारियों का कहना है कि हेडली सिर्फ आतंकवादी नहीं, बल्कि इससे ज्यादा था. वह दरअसल पाकिस्तान के जासूस के तौर पर काम कर रहा था."

मुंबई के आतंकवादी हमलों पर विस्तृत रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किस तरह से पाकिस्तान की आईएसआई "डबल गेम" खेल रही है. एक तरफ तो वह अमेरिका के आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में उसका साथ देने का दम भर रही है और वहीं दूसरी तरफ कुछ आतंकवादी संगठनों की मदद कर रही है, जिससे पाकिस्तान का फायदा हो सके.

Pakistan Geheimdienst ISI
शुजा पाशातस्वीर: picture alliance / dpa

सेबेस्टियन की रिपोर्ट का दावा है कि उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं, जो बताते हैं कि आईएसआई ने लश्कर ए तैयबा के साथ मिल कर ही नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों की साजिश रची, जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की जान गई.

रिपोर्ट में कहा गया, "दोनों देशों (भारत और अमेरिका) के अधिकारियों का समझना है कि आईएसआई अधिकारियों ने डेविड हेडली की नियुक्ति की और उसे जासूसी की ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद उसे पैसे दिए गए कि वह मुंबई और इसके आस पास के इलाकों की जानकारी इकट्ठी कर सके."

प्रोपब्लिका डॉट कॉम ने हेडली की पूछताछ के बाद जारी 119 पेज की रिपोर्ट के आधार पर बताया है कि पाकिस्तानी नौसेना के एक गोताखोर ने मुंबई हमलों में मदद की. वेबसाइट के पास पूछताछ की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध है. इसके मुताबिक हेडली ने बताया कि पाकिस्तान के खुफिया विभाग को पता था कि डेनमार्क के एक अखबार पर आतंकवादी हमले की साजिश रची जा रही है. इसके बावजूद पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस बारे में डेनमार्क को कोई जानकारी नहीं दी. पाकिस्तान ने हालांकि इस आरोप से इनकार किया है लेकिन जांचकर्ताओं का मानना है कि हेडली सही कह रहा है.

Zaki ur Rehman Lakhwi
लखवीतस्वीर: AP

एक बड़े खुलासे के तहत हेडली ने बताया कि 26/11 के बाद जब लश्कर के जकी उर रहमान लकवी को गिरफ्तार कर लिया गया, तो आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा उससे मिलने जेल भी गए. हेडली ने बताया, "मुंबई के आतंकवादी हमले को समझने के लिए पाशा उससे मिलने जेल गए. पाकिस्तान के अधिकारी इस बात को भी गलत बताते हैं कि पाशा जेल में गए थे लेकिन भारत और अमेरिका के अधिकारी हेडली की बात को ही सही मान रहे हैं." भारत के एक आतंकवाद निरोधक अफसर के हवाले से कहा गया कि वह समझते हैं कि पाशा को पहले से हमले की जानकारी थी, या तो फिर वह आईएसआई चीफ हैं ही नहीं.

प्रोपब्लिका कि रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिनके आधार पर कहा जा सके कि आईएसआई ने मुंबई में आतंकवादी हमले के लिए उच्च स्तर पर फैसला किया.

वेबसाइट ने स्टीफन टैंकल से भी बातचीत की है, जिनकी किताब स्टोर्मिंग द वर्ल्ड स्टेजः द स्टोरी ऑफ लश्कर ए तैयबा जल्द ही आने वाली है. टैंकल का कहना है कि कभी कभी हेडली ने कुछ बातों को बढ़ा चढ़ा कर बताया या फिर उसे उन बातों की अहमियत समझ नहीं आई. उनके मुताबिक आईएसआई लश्कर को एक सीमा के अंदर रखना चाहता है और लश्कर के प्रमुख अंगों पर आईएसआई का पूरा नियंत्रण है.

हेडली के मुताबिक लश्कर के लिए पैसों का इंतजाम आईएसआई ही करता है और लश्कर प्रमुख हाफिज सईद की हिफाजत का भी. हेडली के मुताबिक सईद आईएसआई के बेहद करीब है. जांच में पता लगा है कि मेजर इकबाल नाम का कोई आईएसआई अधिकारी हेडली को निर्देश दे रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक हेडली के खुलासों से एक नई दुनिया का पता लग रहा है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी