हिंसा के दाग मिटाने चले हैम्बर्गवासी
हैम्बर्ग में जी20 की बैठक के दौरान शहर विरोध प्रदर्शनों और हिंसा की चपेट में था. दुनिया के नेताओं से ज्यादा शहर में तोड़फोड़ और विरोध प्रदर्शनों की तस्वीरें सामने आयीं. अब स्थानीय लोग शहर की सफाई में जुट गये हैं.
हर दाग को मिटाना है
पूरे मनोयोग से सफाई कर रही ये महिला सड़क से हर दाग को मिटाने में जुटी है. शायद इन कोशिशों के जरिये नगरवासी जी20 सम्मेलन के दौरान हुई हिंसा की यादों को भुला देना चाहते हैं.
तोड़फोड़ के बाद साफ सफाई
हैम्बर्ग में सम्मेलन के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों की आंच में जले शहर को साफ करने कम से कम 20 हजार लोग झाड़ू पोंछा लेकर निकल पड़े. जर्मनी में इस तरह की हिंसा और तोड़ फोड़ आमतौर पर दिखायी नहीं देती.
हर तरफ विरोध के निशान
विरोध प्रदर्शन करने वालों ने रिहायशी इलाकों में घरों की दीवारों और दरवाजों पर भी नारे लिख दिये थे. खिड़कियों के सनब्लाइंड को साफ करते स्थानीय लोग.
हम भी हैं जोश में
जितनी ऊर्जा उपद्रवियों ने शहर में तोड़फोड़ में लगाई है, सफाई करने वाले भी उससे कम जोश में नहीं हैं. हर उम्र और वर्ग के लोगों ने सफाई में हिस्सा लिया.
जर्मनी ऐसी हिंसा का आदी नहीं
जर्मनी में सड़कों पर प्रदर्शन नई बात नहीं लेकिन प्रदर्शन में हिंसा होना जरूर हैरान करता है. दंगाइयों ने सुपरमार्केट स्टोर और छोटी दुकानों को भी निशाना बनाया. कई दुकानों में लूटपाट की गई.
हिंसा के बाद शांति
दो दिन के भारी उपद्रव के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी हुए. दसियों हजार लोग अपने बच्चों के साथ इस प्रदर्शन में शामिल हुए.
पुलिसवालों की मुसीबत
सबसे ज्यादा परेशान पुलिसवाले हुए. पुलिस ने कहीं सख्ती तो कहीं नरमी से काम लेकर प्रदर्शनकारियों को संभाला. इन विरोध प्रदर्शनों में 76 पुलिसवाले भी घायल हुए. आमलोग और कितने प्रदर्शनकारी घायल हुए, इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.
हैरान और नाराज जर्मन चांसलर
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस घटना पर गुस्सा जाहिर करने के साथ ही पुलिसवालों से सहानुभूति भी जतायी. व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद उन्होंने शनिवार को ही पुलिस और दमकल विभाग के जवानों अधिकारियों से मिलने के लिए समय निकाला.