हार गए धुरंधर
2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की लहर के आगे कई धुरंधर पस्त हो गए. सबसे बड़ा नुकसान छोटी छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के बड़े मुखियाओं को हुआ. जानिए किन किन दिग्गजों को जनता ने पस्त कर दिया.
अरविंद केजरीवाल
वाराणसी जाकर बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चुनौती देने वाले आम आदमी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हार का मुंह देखना पड़ा है. पार्टी के कई नेता मान रहे हैं दिल्ली की गद्दी छोड़ना आप को भारी पड़ा. दिल्ली में पार्टी को भारी नुकसान.
पवन कुमार बंसल
रेल मंत्री रहते हुए अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के आरोपी पवन कुमार बंसल चंडीगढ़ से चुनाव हार गए हैं. कांग्रेस के नेता बंसल यूपीए-2 में प्रभावशाली रहे. बीजेपी की प्रत्याशी किरण खेर ने उन्हें हरा दिया.
अजीत सिंह
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और किसानों की राजनीति करने वाले राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजीत सिंह भी जनता के अखाड़े में गश खा गए. यूपीए-2 में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे सिंह को बागपत की जनता ने नकार दिया.
राज बब्बर
कांग्रेस के अभिनेता नेता राज बब्बर गाजियाबाद से चुनाव हार गए हैं. पार्टी का प्रचार अभियान संभालने वाले राज बब्बर को पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने हरा दिया. वीके सिंह बीजेपी के उम्मीदवार थे.
सलमान खुर्शीद
उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद से सलमान खुर्शीद की जमानत जब्त हो गई. मनमोहन सरकार के विदेश मंत्री खुर्शीद पर भी विकलांगों के लिए आवंटित पैसे में धांधली के आरोप लगे. बाएं खड़ी यूपी कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी भी रिकॉर्ड अंतर से हारीं.
नंदन नीलेकणी
आईटी कंपनी इंफोसिस के सहसंस्थापक नंदन नीलेकणी बैंगलोर दक्षिण से चुनाव हारे. इंफोसिस से नाता तोड़ कांग्रेस में आए नीलेकणी को बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने हराया.
प्रिया दत्त
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल ने कांग्रेस की सांसद प्रिया दत्त इस बार चुनाव हार गई हैं. अच्छी छवि के बावजूद कांग्रेस विरोधी लहर उन्हें ले डूबी.
सुशील कुमार शिंदे
कांग्रेस नेता और यूपीए-2 में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे अपना घर नहीं बचा सके. सोलापुर सीट पर उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार ने डेढ़ लाख वोटों से हरा दिया.
मीरा कुमार
कांग्रेस नेता और लोकसभा की स्पीकर मीरा कुमार सासाराम से चुनाव हारीं. स्वच्छ छवि के बावजूद वो मतदाताओं को रिझा न सकीं.
गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार गुलाम नबी आजाद ऊधमपुर में हारे. देश भर में चुनावी सभाएं करने वाले आजाद अपने घर में लोगों को नहीं भांप सके.
प्रफुल्ल पटेल
एनसीपी के नेता और यूपीए सरकार में बड़े मंत्रालय संभालने वाले प्रफुल्ल पटेल भी जनता जनार्दन को प्रफुल्लित नहीं कर पाए.
कपिल सिब्बल
अन्ना आंदोलन की खूब आलोचना करने वाले कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल दिल्ली की चांदनी चौक सीट से हार गए. हार पहले से तय मानी जा रही थी.
मेधा पाटकर
मुंबई नॉर्थ से आप के टिकट पर चुनाव लड़ रही सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी चुनाव हार गईं. मेधा से आप को काफी उम्मीदें थीं.
योगेंद्र यादव
आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में से एक योगेंद्र यादव गुड़गांव से संसद की सीट नहीं निकाल पाए. उनका चुनाव हारना आप के लिए बड़ा झटका.
अरुण जेटली
बीजेपी के शीर्ष नेताओं में शुमार अरुण जेटली की अमृतसर से हारे. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह जीते.
राबड़ी देवी
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी सारण से चुनाव हारीं. चुनाव के दौरान मतदान अधिकारियों की उनकी झड़प चर्चा में रही.
गुल पनाग
सामाजिक मुद्दों पर संवेदनशील राय रखने वाली फिल्म अभिनेत्री गुल पनाग चंडीगढ़ से चुनाव नहीं जीत सकी. आप की प्रत्याशी गुल पनाग को अभिनेत्री किरण खेर ने हराया.
अमर सिंह
मुलायम सिंह यादव और समवादी पार्टी से अलग हुए अमर सिंह भी फतेहपुर सीकरी का किला फतह नहीं कर सके.
जया प्रदा
अमर सिंह के साथ राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुई फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा भी इस बार चुनाव नहीं जीत सकी. वे रामपुर से सासंद रह चुकी हैं.
सचिन पायलट
कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट की चुनावी जहाज अमजेर में क्रैश हो गया. सुरक्षित सीट माना जाने वाला अमजेर इस बार बीजेपी के खाते में चला गया. कांग्रेस के उम्मीद्वार और पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन भी हारे.
जसवंत सिंह
बीजेपी से नाराज होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले जसवंत सिंह बाड़मेर से हार गए. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री रहने वाले जसंवत ने बीजेपी में जाने से इनकार किया है
फारूक अब्दुल्लाह
नेशनल कॉन्फ्रेस के प्रमुख फारुख अब्दुला श्रीनगर से चुनाव हार गए हैं. राज्य में उन्हीं की पार्टी की सरकार है, ऐसे में यह हार असंतोष का संकेत भी है.
शाहनवाज हुसैन
देश भर में फैली मोदी लहर बिहार के भागलपुर जिले में अपने नेता शाहनवाज हुसैन का बेड़ा पार नहीं लगा सकी.
स्मृति ईरानी
"क्योंकि सास भी कभी बहू थी" की तुलसी से पहचान बनाने वाली स्मृति ईरानी अमेठी से चुनाव हार गईं. बीजेपी की स्मृति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मतगणना की शुरुआत में टक्कर दी, बाद में वो पिछड़ती गईं.