हार्मोन की शक्ति
हमारी खुशी, दुख, तनाव या फिर उत्साह - यह सब कुछ हार्मोन ही नियंत्रित करते है. हार्मोनों के महत्व को समझ जाएं तो जीवन की काफी मुश्किलें सुलझ सकती हैं.
सातवें आसमान पर
आपको भी कभी पेट में तितलियां सी उड़ती महसूस हुई होंगी, गुदगुदी और दिल की धड़कन कुछ तेज सी हुई होगी. आमतौर पर प्यार में पड़ने पर होते हैं ये सारे असर. क्या आप जानते हैं कि खुशी के ये सारे अद्भुत अनुभव कराता है एंडोर्फिन नामका हार्मोन. एंडोर्फिन का स्राव करने वाली ग्रंथियां खतरे की स्थिति में भी सक्रिय हो जाती हैं. गंभीर रूप से घायल हो जाने पर दर्द भी यही महसूस करवाता है.
पुरुषों और महिलाओं के खास लक्षण
टेस्टोस्टेरोन एक सेक्स हार्मोन है जिसके कारण पुरुषों को दाढ़ी मूंछ आती है. महिलाओं में मासिक चक्र और दूसरे कई लक्षणों को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है एस्ट्रोजन. ये दोनों सेक्स हार्मोन कहे जाते हैं क्योंकि यही महिलाओं और पुरुषों को उनके लिंग से जुड़े खास लक्षण देते हैं. इसके अलावा यह सेक्स हार्मोन हमारी यौन इच्छाओं और प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करते हैं.
बच्चों के विकास के लिए जरूरी
सोमैटोट्रौपिन बच्चों के बड़े होने के लिए जरूरी हार्मोन है. इसके स्राव से शरीर में प्रोटीन का अधिक उत्पादन होता है, ज्यादा से ज्यादा वसा इस्तेमाल होती है और हड्डियों का तेज विकास होता है. अगर यह हार्मोन बहुत ज्यादा मात्रा में निकलने लगे तो बच्चे बहुत लंबे हो सकते हैं. इसका स्राव मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्रंथि से होता है.
बाहर से इंसुलिन
इंसुलिन नाम का हार्मोन हमारे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है. यह रक्त से ग्लूकोज लेने के लिए मांसपेशियों की कोशिकाओं को उत्तेजित करता है और इस तरह रक्त में शुगर का स्तर नियमित रहता है. मधुमेह के रोगियों में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनता. यही कारण है कि ग्लूकोज रक्त में रहता है और इससे तमाम खतरे पैदा होते हैं. इस स्थिति में बाहर से इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं.
आंतरिक घड़ी के लिए हार्मोन
मेलाटोनिन नामका हार्मोन हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी या सर्केडियन क्लॉक की लय को नियंत्रित करता है. अंधेरे में मेलाटोनिन ही शरीर को सोने के लिए तैयार करता है. प्रकाश में मेलाटोनिन का उत्पादन रुक जाता है.
तनाव में कूल
कोर्टिसोल एक महत्वपूर्ण तनाव हार्मोन है और यह शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को भी प्रभावित करता है. तनाव या फिर शरीर में ग्लूकोज की कमी होने पर इसका स्राव होता है. कोर्टिसोल भोजन की वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को पचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
जब एड्रीनेलीन चढ़े
'फ्लाइट एंड फाइट' हार्मोन कहे जाने वाले एड्रीनेलीन की हमारे जीवन में बहुत जरूरी भूमिका है. संकट की स्थिति में इस हार्मोन की मदद से शरीर में संरक्षित ऊर्जा के भंडार का इस्तेमाल होने लगता है. इससे शरीर में ऊर्जा आती है, दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं और हम खतरे का मुकाबला करने की स्थिति में आ जाते हैं.
हमारी खुशी का राज
क्या आप जानते हैं कि चॉकलेट खाने या व्यायाम करने के बाद हम अच्छा क्यों महसूस करते हैं? दरअसल ये शरीर में सेरोटोनिन नाम के हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण होता है. सेरोटोनिन के अलावा डोपामीन हार्मोन भी मन में खुशी जगाता है और मूड अच्छा रखता है. इसकी मात्रा कम हो जाए तो जाहिर है तनाव और अवसाद हमें घेर लेंगे.