हादसे और उनकी वजह
दुनिया भर में रोज 76,000 से ज्यादा विमान लाखों यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाते हैं. लेकिन जब कभी कोई हादसा होता है तो सुरक्षा के लिहाज से कान खड़े हो जाते हैं. एक नजर बीते पांच साल के बड़े हवाई हादसों और उनके कारणों पर.
जर्मनविंग्स (24.03.2015)
जर्मन एयरलाइंस जर्मनविंग्स का एक विमान बार्सिलोना से डुसेलडॉर्फ जाते हुए फ्रांस में आल्प की पहाड़ियों में क्रैश हुआ. विमान में सवार सभी 150 लोगों की मौत हुई. को-पायलट ने जानबूझकर विमान को क्रैश किया.
एयर एशिया (28.12.2014)
162 लोगों को लेकर जा रहा एयर एशिया का विमान एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूटने के बाद लापता हो गया. साल भर बाद आई जांच रिपोर्ट के मुताबिक विमान के रडर सिस्टम में खराब उपकरण लगा था. हादसे के लिए पायलटों को भी जिम्मेदार ठहराया गया.
एयर अल्जेरी (24.07.2014)
बुर्किना फासो की राजधानी वागादुगू से अल्जीयर्स के लिए निकली एयर अल्जेरी की फ्लाइट उत्तरी माली में क्रैश हुई. पायलटों ने आखिरी बार एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना दी कि खराब मौसम के चलते वो रास्ता बदल रहे हैं. जुलाई में यह तीसरा विमान हादसा था.
एमएच17 (17.07.2014)
मलेशिया एयरलाइंस के लिए यह साल बेहद बुरा रहा. मार्च के हादसे के चार महीने बाद हॉलैंड से मलेशिया जा रही फ्लाइट एमएच17 यूक्रेन में क्रैश हो गई. हादसे में सभी 298 लोगों की मौत हो गई. विमान को यूक्रेन के संकटग्रस्त इलाके में एक मिसाइल ने मारा.
ट्रांसेशिया एयरलाइंस (23.07.2014)
ताइवान के पेंघु द्वीप में ट्रांसेशिया एयरलाइंस का छोटा विमान खराब मौसम के चलते एयरपोर्ट से कुछ दूर क्रैश हो गया. हादसे में 48 लोगों को मौत हुई. तूफान में फंसी फ्लाइट को पायलट ने दूसरी बार इमरजेंसी लैंडिंग में उतारने की कोशिश की, जो नाकाम रही.
मलेशिया एयरलाइंस (08.03.2014)
8 मार्च 2014, मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट कुआलालम्पुर से बीजिंग जाते वक्त दक्षिण चीन सागर के ऊपर लापता हो गई. विमान में सवार 227 यात्री और 12 चालक दल सवार थे. विमान के मलबे को ढूंढने का काम जारी रही है.
भोजा एयर (20.04.2012)
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के एयरपोर्ट पर लैंड करने से ठीक पहले भोजा एयर का बोइंग 737 क्रैश हो गया. हादसे में 127 लोग मारे गए. जांच में पायलट को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. को-पायलट की चेतावनी के बावजूद कैप्टन विमान को नीचे उतारता गया. धुंध में जमीन नहीं दिखी और विमान टकरा गया.
ईरान एयर (09.01.2011)
ईरान एयर का बोइंग विमान पश्चिमोत्तर ईरान में जमीन पर टकराकर हजारों टुकड़ों में बदल गया. हादसे में 77 लोग मारे गए. हादसे की जांच रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है.
एयर इंडिया (22.05.2010)
22 मई 2010, दुबई से लौट रहा एयर इंडिया का विमान मंगलौर एयरपोर्ट के रनवे को पार करता हुआ पहाड़ी से नीचे गिर गया. 152 लोगों की मौत हुई. हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया. पायलट के परिवार के मुताबिक एयर इंडिया ने अचानक ड्यूटी बदलते हुए थके हुए पायलट को फिर से कॉकपिट में बैठाया. कई हादसों की जांच में यह साफ हो चुका है कि थके पायलट को हर कीमत पर आराम दिया जाना चाहिए.
अफ्रीक्याह एयरवेज (12.05.2010)
दक्षिण अफ्रीकी शहर जोहानिसबर्ग से लीबिया की राजधानी त्रिपोली के लिए निकला अफ्रीक्याह एयरवेज का एयरबस विमान लैंडिंग से ठीक पहले क्रैश हुआ. हादसे में 103 लोग मारे गए, सिर्फ एक नौ साल का बच्चा बचा. हादसे के लिए पायलट की थकान और उसकी गलती को जिम्मेदार माना गया.
राष्ट्रपति की मौत (10.04.2010)
रूस के स्मोलेस्क शहर के बाहर हुए हवाई हादसे में पोलैंड के राष्ट्रपति लेख काजिंस्की समेत 96 लोगों की मौत हो गई. विमान पोलैंड की वायु सेना का था. बदत्तर मौसम की वजह से पायलट विमान उतारना नहीं चाहते थे, लेकिन विमान में सवार अधिकारियों ने लैंडिंग का दबाव डाला.
यमेनिया (30.06.2009)
यमन की राजधानी सना से कोमोरोस आइलैंड के निकला एयरबस का विमान हिंद महासागर में क्रैश हुआ. हादसे में 153 लोग मारे गए. राहतकर्मियों को 13 घंटे बाद तैरते मलबे पर बैठी एक 12 साल की बच्ची जिंदा मिली. हादसे के लिए पायलट के जोखिम भरी कलाबाजियों को जिम्मेदार ठहराया गया.
एयर फ्रांस (01.06.2009)
ब्राजील के शहर रियो डे जेनेरो से पेरिस के लिए उड़ा एयर फ्रांस का एयरबस विमान अटलांटिक महासागर के ऊपर लापता हो गया. कई घंटे बाद पता चला कि विमान महासागर में क्रैश हुआ है. विमान में सवार सभी 228 लोग मारे गए. हादसे के लिए सेंसरों की गड़बड़ी और नए पायलट की अनुभवहीनता को जिम्मेदार माना गया.