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हाथियों का कैटवॉक

२८ दिसम्बर २०१०

दुनिया भर में हर साल सौंदर्य प्रतियोगिताएं होती हैं, लेकिन हाथियों को कैटवॉक करते आपने कम ही देखा होगा. दक्षिणी नेपाल में सबसे खूबसूरत हाथी को चुनने के लिए सौंदर्य प्रतियोगिता हो रही है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

कैटवॉक के लिए तैयार पांच साल की हथनी भवानीकली की आंखों के आसपास बैंगनी रंग से फूल बने हैं तो 28 साल की चंचलकली पर भी उम्र का असर नहीं दिख रहा है. वह भी खूबसूरत लिबास में अपनी बारी का इंतजार कर रही है. धूप में चमकते कपड़े उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं. ये दोनों उन छह हाथियों में शामिल हैं जो नेपाल के चितवन जिले में हो रही हाथियों की सौंदर्य प्रतियोगिता में शामिल हैं. यह नेपाल में अपनी तरह की पहली सौंदर्य प्रतियोगिता है.

महिलाओं की सौंदर्य प्रतियोगिता में दुबली पतली और छरहरी काया खोजी जाती है. लेकिन यहां मामला जरा अलग है. मोटा है, तो बेहतर है. हाथियों की इस प्रतियोगिता में कम वजन और पतले दुबले हाथियों की कोई जगह नहीं है. अगर मुकाबला जीतना है, तो हाथी जैसा मोटा होना जरूरी है.

Elefanten Schönheitswettbewerb Chitwant Indien Flash-Galerie
मेरी बारी कब आएगीतस्वीर: picture alliance/dpa

हाथी प्रबंधन समिति के संयोजक ऋषि तिवारी कहते हैं, "इस प्रतियोगिता का मकसद हाथियों की साफ सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है. इस प्रतियोगिता में हम हाथियों के पैरों के नाखूनों की साफ सफाई, अच्छी तरह सजाई हुई आंखों और नम त्वचा पर ध्यान दे रहे हैं. उनके शरीर पर कोई घाव नहीं होना चाहिए. उसी हाथी को ताज पहनाया जाएगा जो सबसे अनुशासित होगा."

यह प्रतियोगिता तीन दिन तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय हाथी महोत्सव का हिस्सा है. सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस महोत्सव का आयोजन किया है. इसमें हाथियों की दौड़, हाथी के बच्चों के फुटबॉल मैच के अलावा घोड़ा और बैल गाड़ियों की रेस भी शामिल है.

हाथी सौंदर्य प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले छह हाथियों को नेपाल के 95 पालतू हाथियों में से चुना गया है. इन हाथियों को रंग बिरंगे कपड़ों में सजाया गया है. साथ ही उनकी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए उनके सिर पर बड़ा सा ताज भी है. भवानीकली और रूपाकली ने तो कानों में कुंडल भी पहन रखे हैं जो मूंगों से बने हैं. वहीं चंपाकली और बसंतीकली के पैरों के नाखूनों पर समझिए ब्राइट शेड की नेल पॉलिश लगी है. लेकिन प्रतियोगिता के नतीजे की हाथियों से ज्यादा उनके महावतों को चिंता है.

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हाथियों से ज्यादा महावत उत्साहित हैंतस्वीर: picture alliance/dpa

तिवारी बताते हैं कि जो भी हाथी प्रतियोगिता में जीतेगा उसके महावत को नकद राशि मिलेगी ताकि उसे अपने हाथी को साफ स्वच्छ और अनुशासित रखने के लिए प्रोत्साहन मिले. वह कहते हैं, "जो भी महावत अपने हाथी को ट्रेन करने के लिए उस पर नुकीले हथियारों का इस्तेमाल करता है, उसे इस सौंदर्य प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाता." पारंपरिक तौर पर नेपाल में हाथियों को अनुशासित करने के लिए ऐसा किया जाता है.

वैसे दुनिया भर में होने वाली सौंदर्य प्रतियोगिताओं से हट कर हाथियों के इस ब्यूटी कॉन्टेस्ट में उम्र और वजन की कोई सीमा नहीं है. इस प्रतियोगिता में शामिल 5 साल की भवानीकली सबसे छोटी प्रतियोगी है जबकि 40 वर्षीय चंपाकली सबसे उम्रदराज है और अपने हुस्न का जादू चलाने को बेताब है. गर्भवती धीरेंद्रकली भी मुकालबे में शामिल है.

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सजना है मुझे..तस्वीर: picture alliance/dpa

इन हाथियों को अनुशासन और उनकी सुंदरता के आधार पर चुना गया है. इसमें सूंड की लंबाई, उनकी बुद्धिमत्ता, लोगों की मदद करने की इच्छा और बाघों ने निडरता को कसौटी बनाया गया. लेकिन सुंदरता का सबसे बड़ा पैमाना अच्छी सेहत ही रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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